-पद्मश्री पुरस्कार निस्वार्थ सेवा की मान्यता: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी
नागपुर।
डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम, डॉ. संजीव चौधरी और सामाजिक कार्यकर्ता शंकर बाबा पापलकर ने निस्वार्थ और समर्पित भावना से गरीब मरीजों की सेवा करते हुए आम लोगों के जीवन में खुशहाली लाने का काम किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विश्वास जताया कि यह कार्य आगे भी जारी रहेगा। आदिवासी विकास विभाग, आदिवासी मेडिकल एसोसिएशन और आदिवासी इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अधिकारियों द्वारा वनामती स्थित सभागार में विदर्भ के पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं के लिए एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। उस अवसर पर मार्गदर्शन करते हुए गडकरी बोल रहे थे। डॉ. संजीव चौधरी को प्राइड ऑफ इंडिया सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष मुक्ता कोक्कड्डे ने की। इस अवसर पर आदिवासी विकास विभाग के अपर आयुक्त रवींद्र ठाकरे, पूर्व महापौर माया इनवाते, पूर्व उपमहापौर कृष्णराव परतेकी, पूर्व विधायक पारवे, विलास राउलकर, अरुण पवार, आरडी अत्राम, उपायुक्त दशरथ कुलमेथे, डीए पुरूषोत्तम मडावी, नयन कांबले, दीपक मडावी उपस्थित थे।
निस्वार्थ और समर्पित भावना से काम करते हुए व्यावसायिकता को प्राथमिकता न देकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में राज्य और देश का गौरव बढ़ाने के लिए डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम और डॉ. संजीव चौधरी की विशेष प्रशंसा करते हुए, गडकरी ने कहा कि समाज के और लोगों को भी ऐसा करना चाहिए। यह सभी व्यक्ति समाज के लिए आदर्श हैं अतः उनके कार्यों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह सेवा लगातार जारी रखने की आवश्यकता है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पद्यश्री पुरस्कार के लिए डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम और प्राइड ऑफ इंडिया पुरस्कार के लिए डॉ. सजीव चौधरी को शॉल, श्रीफल और उपहार देकर सम्मानित किया।
जनवरी में पहली जनजातीय स्वास्थ्य परिषद
ग्रामीण इलाकों में महिलाओं में हड्डियों की बीमारियां आम बात है। इस बीमारी के प्रति महिलाओं में जागरूकता की कमी के कारण महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डॉ. संजीव चौधरी ने बताया कि ऐसी महिलाओं का इलाज और शोध किया जा रहा है क्योंकि दवाओं पर काफी खर्च होता है।
नागपुर संभाग के नागपुर, गढ़चिरौली, चंद्रपुर और गोंदिया जिलों के आदिवासी गांवों में लगभग आठ हजार 792 महिलाओं की जांच की गई है। इस जांच में प्राप्त अवलोकनों के अनुसार रोगों का वर्गीकरण किया जाता है। इस संबंध में पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इस संबंध में डॉ. संजीव चौधरी ने बताया कि पहला विश्व आदिवासी स्वास्थ्य सम्मेलन जनवरी में नागपुर में आयोजित किया जाएगा।
मस्तिष्क विकार विशेषज्ञ डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम को मस्तिष्क स्वास्थ्य को बनाए रखने के तरीके के बारे में बहुत अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। इस संबंध में एक लाख लोगों की जांच और शोध किया जाएगा और इससे मस्तिष्क संबंधी बीमारियों के संबंध में शोध किया जाएगा। डॉ. मेश्राम ने विश्वास व्यक्त किया कि मस्तिष्क रोग मुख्य रूप से धूम्रपान, तम्बाकू एवं शराब के सेवन से होते हैं और यदि इन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए तो इस रोग को निश्चित रूप से कम किया जा सकता है। इस अवसर पर जिला परिषद सभापति मुक्ता कोकड्डे, आदिवासी प्रभाग अपर आयुक्त रवींद्र ठाकरे ने मार्गदर्शन दिया। दशरथ कुलमेथे ने धन्यवाद ज्ञापित किया।