देश में 42 लाख शादियों से 5.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का आंकलन

    13-Feb-2024
Total Views |
- दिल्ली में ही 4 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपए के व्यापार का अनुमान
 
Marriage
(Image Source : Internet/ Representative)
 
नागपुर।
दिल्ली सहित पूरे देश में व्यापारी वर्ग 15 जनवरी से लेकर 15 जुलाई तक चलने वाले वर्तमान विवाह सीजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं। एक अनुमान के अनुसार इस अवधि के दौरान देश भर में लगभग 42 लाख विवाह आयोजित होने की संभावना है, जिससे विवाह संबंधित खरीदारी और सेवाओं के माध्यम से लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपये की भारी धन राशि देश भर के बाजारों में आएगी। यह आंकलन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की रिसर्च शाखा केट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के 30 विभिन्न शहरों के व्यापारी और सेवा प्रदाताओं से बातचीत के आधार पर किया गया है।
 
केट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में ही इस शादियों के मौसम में 4 लाख से अधिक विवाह होने की संभावना है, जिससे करीब रु.1.5 लाख करोड़ का व्यापारिक राजस्व मिलेगा। पिछले साल 14 दिसंबर को समान हुए विवाह सीजन में लगभग 35 लाख विवाह हुए थे, जिनके खर्च का अनुमान रु. 4.25 लाख करोड़ था। इस विवाह सीजन के दौरान, अनुमान है कि लगभग 5 लाख विवाह की प्रति विवाह लागत 4. 3 लाख होगी, जबकि लगभग 10 लाख निनाह की प्रति विवाह की लागत लगभग रु. 6 लाख होगी। इसके अतिरिक्त, 10 लाख विवाहों की अनुमानित लागत प्रति विवाह . 10 लाख होगी, वहीं 10 लाख विवाह की लागत रु. 15 लाख प्रति विवाह होगी। जबकि 6 लाख विवाह रु. 25 लाख की लागत से होना अपेक्षित है। इसके अलावा 60 हजार विवाह जिनकी लागत प्रति विवाह रु. 50 लाख होगी, और 40 हजार विवाह जिनकी लागत रु. करोड़ से अधिक होगी। समग्र रूप से, इस छह महीने के दौरान, विवाह संबंधित खरीदारियों एवं सेवाओं के ज़रिये से लगभग रु. 5.5 लाख करोड़ के व्यापार का अनुमान है।
 
भारतीय एवं खंडेलवाल ने कहा कि इस वैवाहिक मांग को देखते के हुए देश भर के संबंधित व्यापारियों ने विवाह संबंधित सामग्रियों की पर्या स्टॉकिंग की है, ताकि ग्राहकों की पसंद और मांग को पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विवाह के लिए लगभग 20 प्रतिशत खर्च दुल्हन और दुल्हे के पक्ष को को जाता है, जबकि 80 प्रतिशत खर्च विवाह आयोजन को संपन्न कराने में शामिल तीसरी पक्षीय एजेंसियों को जाता है। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि विवाह सीजन से पहले घर की मरम्मत और पेटिंग में काफी व्यवसाय होता है। इसके अलावा, आभूषण, साड़ी, लहंगा-चुनरी, पर्नीचर, रेडीमेड कपड़े, कपड़े, जूते, विवाह और शुभकार्य काई, सूखे मेवे, मिठाई, कल, पूजा बख, किराना, अनाज, सजावटी कख पर की सजावट, इलेक्ट्रिकल यूटिलिटीज, इलेक्ट्रॉनिक्स, और विभिन उपहार आइटम आदि की मांग सबसे अधिक होती है जिनको उस सीजन में बड़ा व्यापार मिलने की बड़ी उम्मीट है।
 
भरतिमा एवं खंडेलवाल ने कहा कि शादियों के लिए बैंकट हॉल, होटल, ओपन लॉन, समुदाय केंद्र, सार्वजनिक पार्क, फार्महाउस, और विभिन्न अन्य विवाह स्थलों को दिल्ली सहित पूरे देश में पूरी तरह से बुक कर लिया गया है। हर विवाह की खरीदारी के अलावा, टेंट डेकोरेशन, विवाह स्थल की सजावट, फूलों की सजावट, क्रोकरी, केटरिंग सेवाएं, यात्रा सेवाएं, कैब सेवाएं, पेशेवर स्वागत समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड, संगीत कलाकार, डीजे सेवाएं, विवाह बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट, ढोल, ताशे, नफ़ीरी, शहनाई सहित अनेक अन्य सेवाओं को भी बड़ा व्यापार मिलता है। और कई अन्य सेवाओं की भी बड़ी मांग हैं। इसके अतिरिक्त, विवाह सामग्रियों और उपहार आइटम की पैकेजिंग तथा इवेंट मैनेजमेंट शादियों के सीजन के लिए एक बड़े व्यापार के रूप में स्थापित हुए हैं। ध्यान देने योग्य है कि विवाह सीजन में सेवाओं के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में लोगों को रोजगार भी मिलता है।