पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर राव को भी मरणोपरांत दिया जाए ‘भारत रत्न’

    12-Feb-2024
Total Views |
-संजय अग्रवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर किया अनुरोध

former pm chandrashekhar rao should also be given bharat ratna 
नागपुर।
हाल ही में उपराजधानी निवासी संजय बी. जे. अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर को भी मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ पुरस्कार देने का अनुरोध किया है। अग्रवाल के अनुसार भारत के 9 वें प्रधानमंत्री, महान समाजवादी चिंतक, राजनीतिक शुचिता के आदर्श, श्रेष्ठ सांसद के रूप में सम्मानित, करोड़ों भारतियों के दिलों में आज भी बसे  स्व. चंद्रशेखर जी के महान व्यक्तित्व से सभी भली भांति परिचित हैं। साधारण परिवार में जन्में स्व. चंद्रशेखर जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र तथा लोकहित के लिए समर्पित रहा है। चंद्रशेखर जी ने जीवन भर देश में फैली गरीबी, भूख, असमानता, अशिक्षा, बेरोजगारी जैसे मुद्दों के निराकरण के लिए संपूर्ण निष्ठा - प्रामाणिकता से कार्य किया है।
 
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी गांव के साधारण किसान परिवार में जन्मे चंद्रशेखर जी का देश के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचने का राजनीतिक सफर उनके देश और जनता के लिए किए गए संघर्ष की गाथा ही है। आप जानते ही हैं कि चंद्रशेखर जी ने अत्यंत ही विपरीत परिस्थितियों में प्रधानमंत्री के रूप में सरकार और देश का नेतृत्व किया था। जिस समय श्री राम जन्मभूमि - अयोध्या विवाद तथा मंडल आयोग जैसे मुद्दे उफान पर थे, देश वैमनस्य की आग में जल रहा था, विदेशी मुद्रा कोष खाली हो चुका था और अर्थव्यवस्था धराशायी हो रही थी तब एक कुशल एवं राष्ट्रनिष्ठ प्रधानमंत्री के रूप में चंद्रशेखर जी ने गंभीर चुनौतियों से जूझते हुए देश को गंभीर परिस्थितियों से सफलतापूर्वक बाहर निकाला। यद्यपि राजनीतिक कारणों से प्रधानमंत्री के रूप में चंद्रशेखरजी को देश व जनता की सेवा का अल्प समय ही मिला, परंतु इस अल्प किंतु बहुमूल्य समय में भी चंद्रशेखरजी ने आदर्श एवं दूरदृष्टा प्रधानमंत्री के रूप में देश एवं विश्व पर अपनी छाप छोड़ी है।
 
चंद्रशेखरजी ने अपने सादगीपूर्ण व्यक्तित्व परंतु महान कृतित्व से देश के प्रथम पंक्ति के अनुकरणीय राष्ट्रभक्त नेताओं में अपना स्थान पाया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वकालीन जनसंघ तथा भारतीय जनता पार्टी से किंचित राजनीतिक मतभेदों के बावजूद चंद्रशेखरजी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिराजी के बढ़ते अधिनायकवाद और गलत ईरादों का जमकर विरोध करते हुए विपक्ष एकत्र करते हुए जनता पार्टी के गठन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। चंद्रशेखर जी भी अपने असंख्य अनुयायियों के साथ आपातकाल की जेल यात्रा तथा अनेकानेक यातनाओं का शिकार रहे हैं। लोकसभा तथा राज्यसभा के दीर्घकाल सदस्य के रूप में उनका संसदीय योगदान अविस्मरणीय तथा प्रेरक है। आप जानते ही हैं कि उन्हें 1995 में उन्हें ‘आउटस्टैंडिंग पार्लियामेंटरियन’ अवार्ड प्रदान किया गया था। चंद्रशेखरजी ने सदा ही अविकसित, पिछड़े गांवों के विकास में ही संपूर्ण भारत के विकास की अवधारणा पर काम किया है।
 
आज आप भी इसी मूल अवधारणा पर काम करते हुए प्रधानमंत्री के रूप में अपना श्रेष्ठतम योगदान कर रहे हैं। हाल ही में भारत सरकार के निर्णय के रूप में आपने महान जननेता स्व. कर्पूरी ठाकुर जी (बिहार) को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से मरणोपरांत सम्मानित करने की घोषणा की है। इसी क्रम में वरिष्ठ राजनेता व पूर्व प्रधानमंत्री माननीय लालकृष्ण जी आडवाणी को भी ‘भारत रत्न’ के रूप में सम्मानित करने की घोषणा आपने की है। इस हेतु भारत सरकार और आपको साधुवाद है। इस पत्र के माध्यम से मैं हस्ताक्षरकर्ता और स्व. प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी असंख्य अनुयायी-प्रशंसक आपसे करबद्ध अनुरोध करते हैं कि भारत सरकार स्वर्गीय प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को भी मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से अलंकृत करके उनके अनन्यतम अवदान पर मुहर लगाए। यह घोषणा भी करोड़ों भारतीयों को न केवल प्रसन्नता प्रदान करेगी अपितु भारत सरकार की महान कर्तव्यपूर्ति का परिचायक होगी। आशा ही नहीं विश्वास है, स्वर्गीय प्रधानमंत्री एवं महान जननायक चंद्रशेखर जी को भी ‘भारत रत्न’ प्रदान करने की आल्हादकारी घोषणा आप अति शीघ्र करेंगे, इस आशय का अनुरोध अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्र लिखकर किया।