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मेलघाट :
हरिसाल वन क्षेत्र के जंगल में बांस काटने गए एक आदिवासी युवक पर बाघ ने हमला कर उसकी जान ले ली। यह घटना रविवार दोपहर लगभग 12 बजे सामने आई, जिससे हरिसाल, चिखली, केसरपुर और आसपास के क्षेत्रों में दहशत फैल गई है। घटना के बाद, बाघ को पकड़ने या मारने की मांग को लेकर लगभग 500 से अधिक आदिवासी लोगों ने ठिय्या आंदोलन शुरू कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान हरिराम गंगाराम धिकार (32), निवासी केसरपुर, पोस्ट भिरोजा, तहसील चिखलदरा के रूप में हुई है। हरिराम विवाहित था और उसके तीन बच्चे हैं। वह रविवार सुबह करीब 9 बजे अपने पिता सोहनलाल धिकार और चाचा के साथ मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के गुगामल वन्यजीव विभाग के अंतर्गत हरिसाल वन क्षेत्र के माताखोल जंगल में बांस काटने के लिए गया था। तीनों लोग अलग-अलग दिशाओं में बांस काट रहे थे और कुछ देर बाद दो लोग एकत्रित हो गए, लेकिन हरिराम वहां नहीं पहुंचा।
हरिराम की खोज में जब उसके पिता और चाचा जंगल में आगे गए, तो उन्हें वहां खून के निशान दिखाई दिए और जमीन पर कुछ दूर तक घसीटने के चिह्न भी दिखे। घबराए परिजनों ने तुरंत गांव में जाकर अन्य लोगों को सूचित किया। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे और हरिराम का शव खून से सना हुआ मिला। अधिकारियों ने मौके का पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया।
घटना के बाद स्थानीय आदिवासी समुदाय ने बाघ को जेरबंद करने या उसे मारने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में बाघ का लगातार आतंक है और सुरक्षा के लिए बाघ को पकड़ना अनिवार्य है।