- दक्षिण महाराष्ट्र में बारिश का अलर्ट
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नागपुर : राजस्थान में अटके हुए मानसून ने देर से ही सही, पर महाराष्ट्र से विदा लेना शुरू कर दिया है। इसके बावजूद राज्य भर में अक्टूबर की गर्मी का असर बढ़ता जा रहा है, विशेष रूप से विदर्भ के कई शहरों में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। रविवार को राज्य में सबसे अधिक तापमान अकोला में 36.8 डिग्री सेल्सियस और ब्रम्हपुरी में 36.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राज्य में “ऑक्टोबर हीट” का असर लोगों के लिए कष्टदायक बन गया है। सुबह के समय ठंडी हवाएं महसूस होती हैं, लेकिन जैसे ही सूरज चढ़ता है, गर्मी अपने चरम पर पहुँच जाती है। मौसम विभाग ने दक्षिणी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में आज, सोमवार के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने मानसून के वापस लौटने की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो चुकी है, और अगले दो-तीन दिनों में महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों से भी मानसून विदा ले लेगा। दक्षिणी महाराष्ट्र के क्षेत्रों में गरज के साथ तेज बारिश की चेतावनी दी गई है, लेकिन अन्य हिस्सों में धूप और गर्मी का असर जारी रहेगा, जिससे लोगों को अभी कुछ और दिनों तक इस चिलचिलाती गर्मी का सामना करना पड़ेगा।
इस बीच, बंगाल की खाड़ी के पास तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों के समीप चक्रवाती हवाओं का प्रभाव बना हुआ है, जिससे राज्य में असामान्य मौसम की संभावना जताई जा रही है। मानसून के वापसी के चलते विदर्भ क्षेत्र के अकोला और ब्रम्हपुरी जैसे शहरों में तापमान बढ़कर क्रमशः 36.8 और 36.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। विदर्भ के अन्य जिलों में भी तापमान 34 से 35 डिग्री के बीच बना हुआ है, जिससे गर्मी और उमस का माहौल कायम है।
सोमवार को, दक्षिणी महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, सातारा, सांगली, कोल्हापुर, और सोलापुर जिलों में गरज के साथ बारिश की संभावना है। राज्य से मानसून की विदाई आधिकारिक रूप से शुरू हो चुकी है, लेकिन बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाएं राज्य में प्रवेश कर रही हैं, जिसके कारण 9 से 12 अक्टूबर के बीच छिटपुट बारिश की संभावना जताई गई है। मौजूदा स्थिति के अनुसार, ऊपरी वायुमंडल में गर्म और शुष्क हवाओं के साथ नमी वाली हवाओं का मिलना गरज और चमक के साथ बारिश का संकेत दे रहा है।
इस प्रकार, अगले कुछ दिनों में दक्षिण महाराष्ट्र में जहां बारिश के कारण मौसम में बदलाव आएगा, वहीं राज्य के अन्य हिस्सों में लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।