मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा : शरद पवार ने देरी पर जताई नाराजगी, लेकिन निर्णय का किया स्वागत

    04-Oct-2024
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marathi gets classical language status sharad pawar welcomed decision
 (Image Source : Internet)

मुंबई :
केंद्र सरकार ने घटस्थापना के दिन मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा (Marathi gets classical language status) देने की घोषणा की, जिसे महाराष्ट्र के 12 करोड़ नागरिकों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है। इस फैसले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा को यह दर्जा दिलाने में काफी देरी हुई, लेकिन फिर भी उन्हें खुशी है कि आखिरकार यह निर्णय लिया गया। शरद पवार ने इस फैसले के लिए केंद्र सरकार की सराहना भी की।
 
साहित्य जगत की पुरानी मांग
शरद पवार ने कहा कि मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिलाने की मांग साहित्य क्षेत्र के सभी प्रमुख हस्तियों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर भी इस मामले को केंद्र सरकार के सामने रखा और इसके लिए जोर दिया था। कई साहित्य परिषदों और अधिवेशनों में प्रस्ताव पारित कर इस मांग को प्रमुखता से उठाया गया था। हालांकि, इस फैसले में देरी हुई, लेकिन आखिरकार यह निर्णय आने से सभी को संतोष है। शरद पवार ने केंद्र सरकार को बधाई देते हुए इसे मराठी भाषा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया।
 
अभिजात भाषा का दर्जा और अन्य भाषाएं
केंद्र सरकार ने 3 अक्टूबर को मराठी के साथ-साथ पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला भाषाओं को भी अभिजात भाषा का दर्जा दिया है। इससे पहले तमिल, संस्कृत, मलयालम, तेलुगू, कन्नड़, फारसी और उड़िया भाषाओं को यह दर्जा मिल चुका था। अब देश की 22 में से 11 भाषाओं को अभिजात भाषा का दर्जा प्राप्त हो चुका है। मराठी भाषा के लिए यह दर्जा मिलना महाराष्ट्र के सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर को और अधिक समृद्ध बनाएगा।
 
मराठी भाषा का सम्मान बढ़ा
मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा मिलने के बाद, यह न केवल महाराष्ट्र के साहित्यकारों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी गर्व की बात है। शरद पवार ने कहा कि यह निर्णय मराठी भाषा की वैश्विक पहचान को और मजबूती देगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से अब मराठी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं बनाई जाएंगी और इसे और अधिक समृद्ध बनाने का काम किया जाएगा।
 
शरद पवार का सरकार पर तंज
फिर भी, शरद पवार ने इस निर्णय में हुई देरी पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि यह फैसला पहले ही लिया जाना चाहिए था। लेकिन उन्होंने अंत में कहा कि देर से ही सही, मराठी भाषा को इसका उचित सम्मान मिलना एक स्वागत योग्य कदम है, और इसके लिए केंद्र सरकार की तारीफ की जानी चाहिए।