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नई दिल्ली : दिवाली से ठीक पहले, बुधवार को दिल्ली में धुंध की चादर छाई रही और वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार सुबह 7 बजे दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से ऊपर रहा। आनंद विहार में AQI 351, बवाना में 319, अशोक विहार में 351 और वजीरपुर में 327 मापा गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। वहीं, आया नगर में AQI 290 और दिल्ली के ITO में 284 दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है।
कालिंदी कुंज में यमुना नदी में प्रदूषण के कारण जहरीला झाग तैरता देखा गया, जो नदी के उच्च प्रदूषण स्तर को दर्शाता है।
इस बीच, मुंबई के बांद्रा रिक्लेमेशन क्षेत्र में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में रही।
दिल्ली भाजपा नेताओं ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर प्रदर्शन किया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि 26 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने के 108 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बावजूद, पंजाब सरकार की तरफ से पराली जलाने पर कोई नियंत्रण नहीं किया गया है। भाजपा नेताओं ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की मांग की, परन्तु उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्री अक्सर पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश को प्रदूषण के लिए दोषी ठहराते हैं, जबकि हरियाणा और यूपी में क्रमशः सिर्फ 16 और 11 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं। उन्होंने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की अधिक घटनाओं से दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ा है, जिसके कारण कई लोग स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।