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गड़चिरोली : विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख के साथ ही गड़चिरोली जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों का चुनावी परिदृश्य लगभग साफ हो गया है। हालांकि, नाम वापसी की अंतिम तिथि 4 नवंबर के बाद ही तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट होगी, लेकिन मंगलवार को तीनों क्षेत्रों में बागी उम्मीदवारों के तेवर से कांटे की टक्कर के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों में बगावत के सुर उठे हैं।
जिले में कांग्रेस से कुल 5 बागी उम्मीदवार महाविकास आघाड़ी के विरोध में मैदान में उतर आए हैं, जबकि भाजपा से 3 उम्मीदवारों ने पार्टी के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। इनमें अहेरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के बागी उम्मीदवार राजे अमरीश आत्राम और संदीप कोरेत ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। कांग्रेस की ओर से हनुमंतू मडावी और दीपक आत्राम भी निर्दलीय प्रत्याशी बन गए हैं।
गड़चिरोली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के एड. विश्वजीत कोवासे और डॉ. सोनल कोवे ने निर्दलीय नामांकन भरा है। भाजपा के मौजूदा विधायक डॉ. देवराव होली ने भी पार्टी के खिलाफ बगावत कर निर्दलीय के रूप में अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत कर दी है। वहीं, आरमोरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की डॉ. शिलु चिमूरकर ने भी बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी अखाड़े में उतरने का फैसला किया है।
अहेरी में एनसीपी के धर्मरावबाबा आत्राम को मिली महाविकास आघाड़ी की टिकट
अहेरी विधानसभा क्षेत्र में महाविकास आघाड़ी ने एनसीपी (अजित पवार गुट) के धर्मरावबाबा आत्राम को टिकट दिया है, जिससे इस सीट पर एक रोचक मुकाबले की उम्मीद की जा रही है। इस निर्णय के बाद से भाजपा के राजे अमरीश आत्राम ने बागी तेवर दिखाते हुए निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया। इसी क्षेत्र में भाजपा के संदीप कोरेत और कांग्रेस के हनुमंतू मडावी और दीपक आत्राम भी बागी उम्मीदवारों के रूप में नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
गड़चिरोली विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा विधायक डॉ. देवराव होली का टिकट कटने के बाद उनके निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का अंदेशा पहले से ही था, और मंगलवार को उन्होंने अपने नामांकन पत्र दाखिल कर बगावत की घोषणा कर दी।
इस तरह, गड़चिरोली जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर इस बार बगावती तेवरों के साथ रोमांचक मुकाबले की उम्मीद की जा रही है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही दलों में बागियों के खेमे से इस चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी, जिससे मतदाताओं के लिए चुनावी माहौल और भी दिलचस्प हो गया है।