अकोला: महायुती में पहली बगावत; ओबीसी नेता डॉ. अशोक ओळंबे ने छोड़ा भाजपा का साथ

    28-Oct-2024
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OBC leader Dr Ashok Olambe resigns from BJP in Akola (Image Source : Facebook/Dr Ashok Olambe)
 
अकोला:  
अकोला जिले की राजनीति में महायुती में पहली बगावत सामने आई है। अकोला पश्चिम विधानसभा सीट के लिए भाजपा ने विजय अग्रवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। लेकिन, इस घोषणा के बाद भाजपा की ओबीसी सेल के प्रदेश महासचिव डॉ. अशोक ओळंबे ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। ओळंबे ने भाजपा से टिकट न मिलने के कारण बगावत का रास्ता चुना है और अब वे आमदार बच्चू कडू के नेतृत्व वाले प्रहार जनशक्ती पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरेंगे।
 
डॉ. अशोक ओळंबे के इस कदम को भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अकोला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में विजय अग्रवाल को टिकट देने के बाद से पार्टी के भीतर असंतोष की लहर दौड़ गई है। बताया जा रहा है कि इस सीट पर भाजपा के करीब 19 उम्मीदवार टिकट के लिए कतार में थे, लेकिन पार्टी द्वारा अग्रवाल को चुने जाने के बाद से पार्टी के भीतर विरोध बढ़ गया है। ओळंबे की बगावत ने इस असंतोष को और बढ़ा दिया है।
 
ओळंबे का कहना है कि उन्होंने पार्टी के प्रति निष्ठा और मेहनत के बावजूद टिकट के मामले में उनके साथ न्याय नहीं हुआ। उन्होंने चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर अडिग रहते हुए कहा कि वे जनता की सेवा के उद्देश्य से चुनावी मैदान में उतरे हैं और अपने समर्थकों के साथ पूरी मजबूती से आगे बढ़ेंगे। उनके इस निर्णय से भाजपा को अकोला पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ओळंबे का क्षेत्र में मजबूत जनाधार है और उन्हें ओबीसी समुदाय का व्यापक समर्थन प्राप्त है।
 
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओळंबे के चुनाव मैदान में उतरने से अकोला पश्चिम विधानसभा में भाजपा की स्थिति कमजोर हो सकती है और इससे विजय अग्रवाल की जीत के समीकरण भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में भाजपा को इस बगावत से निपटने के लिए अतिरिक्त रणनीति अपनानी होगी और पार्टी को एकजुट रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
अकोला पश्चिम विधानसभा में यह बगावत भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, और अब पार्टी को इस स्थिति का समाधान निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।