(Image Source : Facebook/Anees Ahmed)
नागपुर :
नागपुर में महाविकास आघाड़ी (मविआ) में सीटों के बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। मविआ में छोटे दलों के नेताओं ने अपने हिस्से की सीटें न मिलने पर विद्रोह का संकेत दिया है। इन नेताओं ने ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में भी नामांकन दाखिल कर दिया है जहां गठबंधन ने अभी तक उनकी सीटों का फैसला नहीं किया है। इस स्थिति को देखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अनिस अहमद ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए बगावती तेवर दिखाए हैं। अहमद ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे वंचित बहुजन आघाड़ी से चुनाव लड़ सकते हैं और मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल करने की योजना बना रहे हैं।
कांग्रेस के टिकट बंटवारे पर उठाए सवाल
अनिस अहमद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस बार टिकट बंटवारे में केवल एक समुदाय को प्राथमिकता दी है, जिससे अन्य समुदायों की अनदेखी हुई है। नागपुर में कांग्रेस ने विकास ठाकरे (पश्चिम नागपुर), नितिन राऊत (उत्तर नागपुर), बंटी शेलके (मध्य नागपुर), प्रफुल्ल गुडधे (दक्षिण-पश्चिम नागपुर), और गिरीश पांडव (दक्षिण नागपुर) को उम्मीदवार बनाया है। इस सूची के जारी होने के बाद, खासतौर पर मध्य नागपुर के हलबा और मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने दिल्ली जाकर अपने असंतोष को व्यक्त किया। समुदाय के नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस ने एक ही समुदाय को तरजीह दी, जिससे अन्य समुदायों के प्रतिनिधियों की उपेक्षा हुई। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी सूची में कोई बदलाव नहीं किया, जिसके बाद अनिस अहमद ने पार्टी से नाराज होकर विद्रोह का रास्ता अपनाने का संकेत दिया है।
अहमद ने कहा कि कांग्रेस का निर्णय असंतोषजनक
अनिस अहमद का कहना है कि वे किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस का एक ही समुदाय को टिकट देना गलत है। उनका मानना है कि धर्मनिरपेक्ष पार्टी होते हुए भी कांग्रेस ने सीट बंटवारे में गलती की है। अहमद ने कहा कि वे किसी भी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं और वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ उनकी बातचीत जारी है, हालांकि अब तक उन्होंने इस पार्टी में प्रवेश नहीं किया है। उनका कहना है कि कांग्रेस से उनका सिद्धांतिक मतभेद है, न कि समुदाय विशेष से।
मविआ में गहराता असंतोष, बगावत के संकेत
मविआ के छोटे दलों ने भी अपने हिस्से की सीटें न मिलने पर नाराजगी जताई है और यह ऐलान किया है कि अगर उनकी सीटें जल्द नहीं छोड़ी गईं, तो वे निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर मैदान में उतरने का विकल्प चुनेंगे। नागपुर में इस असंतोष की स्थिति के बीच कांग्रेस नेता अनिस अहमद ने वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ बातचीत शुरू कर दी है और अपने समर्थकों के साथ मिलकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अहमद के इस कदम से मविआ में बगावत के संकेत मिल रहे हैं और सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन में नई हलचल देखने को मिल रही है।
बगावत से कांग्रेस को लगेगा झटका?
सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी में चल रही अंदरूनी खींचतान का लाभ विपक्षी पार्टियों को हो सकता है। जहां एक ओर महायुति ने अपनी रणनीति में स्थिरता बनाए रखी है, वहीं महाविकास आघाड़ी के असंतुष्ट नेता और छोटे दल गठबंधन में दरार डालने का काम कर सकते हैं। अहमद जैसे अनुभवी नेता का बगावती रुख अपनाना कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।