गडचिरोली: नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता; पांच नक्सलियों की पहचान

23 Oct 2024 18:01:41
anti naxal operation
(Image Source : Internet)

गडचिरोली : 21 अक्टूबर को गडचिरोली-छत्तीसगढ़ सीमा पर हुई मुठभेड़ में मारे गए पांच नक्सलियों की पहचान हो चुकी है, जिनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। गडचिरोली पुलिस ने पहली बार अबूझमाड़ के अंदर घुसकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर
पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से भामरागढ़ तहसील के कोपर्शी जंगल क्षेत्र में बड़ी संख्या में नक्सली इकट्ठा हो रहे थे। यह इलाका छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से सटा हुआ है और अबूझमाड़ का हिस्सा है। विधानसभा चुनावों के मद्देनजर नक्सलियों की गडचिरोली में घुसपैठ की योजना की सूचना मिलते ही गडचिरोली पुलिस ने एक अभियान शुरू किया। यह मुठभेड़ गडचिरोली और नारायणपुर की सीमा पर हुई, जिसमें सी-60 कमांडो टीम ने घने जंगलों में 22 किलोमीटर पैदल यात्रा करके यह ऑपरेशन अंजाम दिया।

मारे गए नक्सलियों की पहचान
मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में दो बड़े नेता शामिल थे। कंपनी नंबर 10 की डिवीजनल कमिटी सदस्य जया उर्फ भूरी पाड़ा (31, उलिया, छत्तीसगढ़) और वरिष्ठ नक्सली कमांडर सावजी उर्फ दसारू तुलावी (65, गुरेकसा, गडचिरोली) प्रमुख थे। इसके अलावा, देवे रीता (25), बसंत, और सुखमती (छत्तीसगढ़ निवासी) भी मुठभेड़ में मारे गए। इन सभी पर कुल 38 लाख रुपये का इनाम था। इस मुठभेड़ में सी-60 कमांडो कुमोद आत्राम को भी गोली लगी, जिन्हें नागपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

सावजी तुलावी पर 226 मामले दर्ज
मारे गए नक्सली कमांडर सावजी तुलावी पर हत्या और आगजनी के 226 मामले दर्ज थे। 65 वर्षीय सावजी पिछले 40 वर्षों से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय था और विभिन्न पदों पर काम कर चुका था। वह वर्तमान में कंपनी नंबर 10 के आपूर्ति विभाग में कार्यरत था, और उस पर 16 लाख रुपये का इनाम था। पिछले एक साल में हुई विभिन्न मुठभेड़ों में कुल 24 नक्सली मारे गए हैं। पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की मदद से इन अभियानों में सफलता हासिल हो रही है।
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