- मते को टिकट मिलने से कई भाजपाई नाराज
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नागपुर।
दक्षिण नागपुर से विरोध के बावजूद एक बार फिर मोहन मते (Mohan Mate) को ही भाजपा की उम्मीदवारी दिए जाने से कई भाजपाई नाराज हो गए हैं। पिछले कई दिनों से दक्षिण में मोहन मते का विरोध हो रहा था लेकिन भाजपा ने इस विरोध को दरकिनार करते हुए पुनः मते को ही टिकट दे दी। यह जिद अब भारी पड़ सकती है। कुछ भाजपाइयों का कहना है कि चुनाव से पहले ही भाजपा ने यह सीट खो दी है। कई भाजपाइयों ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अभी भी समय है, दक्षिण से भाजपा का उम्मीदवार बदला जाना ही ज्यादा फायदेमंद होगा। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में मोहन मते कांग्रेस के गिरीश पांडव के साथ हारते हारते बचे थे। पिछले 5 साल में दक्षिण में स्थिति काफी बदल गई है। भाजपा विधायक के काम से लोग खुश नहीं हैं।
पिछली बार सिटिंग विधायक सुधाकर कोहले की टिकट काटकर मोहन मते को उतारा गया था। इस बार सुधाकर कोहले काफी दिनों से दक्षिण में मेहनत कर रहे थे। इसके लिए उन्हें उपर से ही निर्देश मिले थे लेकिन ऐन समय पर कोहले का पत्ता काटकर मते को उम्मीदवार प्रदान की गई जिससे कोहले समर्थकों में काफी अधिक रोष देखा जा रहा है। मते को उम्मीदवारी दिए जाने से विपक्षी कांग्रेस में खुशी का माहौल बताया जा रहा है। कांग्रेसी अब दक्षिण नागपुर शिवसेना के पास नहीं जाने देने के लिए पूरी ताकत से जोर लगाएंगे। उनके हाथ में परोसी हुई थाली रख दी गई है। दक्षिण में इस बार जबर्दस्त कश्मकश चलने से बगावत होना तय माना जा रहा है।