नागपुर।
महाराष्ट्र भर में व्यापारियों द्वारा सामना की जा रही विभिन्न चुनौतियों को हल करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, प्रमुख उद्योग संगठनों जैसे कि चेंबर ऑफ एसोसिएशंस ऑफ महाराष्ट्र इंडस्ट्री एंड ट्रेड (केमिट), महाराष्ट्र चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआई), फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस ऑफ महाराष्ट्र (एफएएम), ग्रेन, राइस और ऑयल सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन और द पूना मर्चेंट्स चेंबर ने संयुक्त रूप से महाराष्ट्र राज्य व्यापारी कृति समिति का गठन किया है।
२६ अगस्त २०२४ को मुंबई में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, विधायक श्रीमती माधुरी मिसाल और अन्य विशिष्ट नौकरशाहों ने भाग लिया। इस बैठक में समिति द्वारा उठाए गए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई और तय किया गया कि एक महीने के भीतर एक और बैठक बुलाई जाएगी ताकि व्यापारियों की चिंताओं पर और कदम उठाए जा सकें। देवेंद्र फड़णवीस ने व्यापारियों की समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए स्पष्ट निर्देश दिए।
इसके अनुरूप, महाराष्ट्र सरकार ने अब तक निम्नलिखित निर्णय लिए हैं: ११ अक्टूबर २०२४ के राज्य आदेश के अनुसार, सरकार ने एपीएमसी बाजार क्षेत्रों में कृषि उत्पादों की खरीद या बिक्री के प्रत्येक रु. १०० पर लागू सेस दर को २५ पैसे से घटाकर ५० पैसे प्रति रु. १०० करने का निर्णय लिया है। सरकार एक वजन मेट्रोलॉजी केंद्र स्थापित करेगी जो माल के वजन की निगरानी करेगा और लेनदेन में सटीकता सुनिश्चित करेगा।
जी.एस.टी. आयुक्त ने व्यापारियों द्वारा उठाए गए कई प्रमुख मुद्दों को सफलतापूर्वक हल किया है। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान, यह पुष्टि की गई कि एपीएमसी बाजार क्षेत्रों में निर्माण की अनुमति यूडीसीपीआर (यूनिफाइड डेवलपमेंट कंट्रोल एंड प्रमोशन रेगुलेशन्स) के ढांचे के अनुसार दी जाएगी। राज्य सरकार ने व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के प्रति सकारात्मक और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है, जिसे सभी हितधारकों ने सराहा है। कृति समिति के प्रमुख सदस्यों दीपेन अग्रवाल, मोहन गुरनानी, ललित गांधी, जितेंद्र शाह, भीमजी भाई भानुशाली, राय कुमार नाहर और राजेंद्र भाटिया ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कौशल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, विधायक श्रीमती माधुरी मिसाल और संबंधित अधिकारियों के प्रति अपनी आभार व्यक्त किया है। डॉ. दीपेन अग्रवाल, अध्यक्ष केमिट, ने कहा कि ये निर्णय इस प्रतिस्पर्धी व्यापार युग में पारंपरिक व्यवसायों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान करेंगे।