अमरावती :
महाअष्टमी के पावन अवसर पर अंबादेवी और एकवीरा देवी आरती मंडल द्वारा इस वर्ष 3111 किलो सूखे मेवे का प्रसाद अर्पित किया गया, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 200 किलो का इजाफा हुआ है। इस परंपरा का निर्वहन पिछले 30 वर्षों से अनवरत रूप से हो रहा है और इस वर्ष भी यह परंपरा भव्य तरीके से मनाई गई।
रात 10 बजे, 9 कन्याओं द्वारा विधिपूर्वक दोनों देवियों को प्रसाद अर्पित किया गया। यह प्रसाद अर्पण आरती मंडल, स्थानीय व्यापारियों, श्रद्धालुओं और नागरिकों के सहयोग से संभव हो पाया। नवरात्रि के आरंभ से ही आरती मंडल द्वारा सूखे मेवे एकत्रित किए जाते हैं, जिनमें बादाम, काजू, पिस्ता, किशमिश, खजूर, अंजीर सहित 11 प्रकार के मेवे शामिल होते हैं। अष्टमी तक यह सूखा मेवा एकत्रित कर नवमी के दिन इसे भक्तों में वितरित किया जाता है।
आरती मंडल के प्रमुख सदस्य अजय बपोरिकर, हरिहर गावंडे, मंगेश कुडे, मनीष देशपांडे, प्रतीक इंगले, अतिश खानापुरे, भरत धानोरकर और निखिल ठाकरे इस आयोजन में जुटे हुए थे। उनके द्वारा सभी प्रकार के सूखे मेवे के पैकेट्स एकत्रित कर सभागार में सुरक्षित रखे गए और अष्टमी की रात को सभी पैकेट्स खोलकर मेवे को आपस में मिलाया गया। आज सुबह से भक्तों में इस प्रसाद का वितरण शुरू हो गया है।
आरती मंडल के सदस्यों का कहना है कि यह आयोजन नवरात्रि के महत्त्व को बढ़ाता है और श्रद्धालुओं की आस्था को और मजबूत करता है। शहर के नागरिक भी इस परंपरा को लेकर खासे उत्साहित रहते हैं और हर वर्ष अपनी ओर से प्रसाद में योगदान देते हैं। नवमी की सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं, जो देवी के दर्शन के साथ प्रसाद ग्रहण करने आए थे।
इस परंपरा के प्रति श्रद्धा और भक्ति का यह उत्साह, हर वर्ष नवरात्रि के दौरान देवी के प्रति आस्था का प्रतीक बन जाता है और अंबादेवी एवं एकवीरा देवी के प्रति श्रद्धालुओं की भक्ति को और गहरा करता है।