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न्यूयॉर्क : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने "मेक इन इंडिया" पहल के सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारत का विनिर्माण क्षेत्र महामारी के पूर्व स्तरों को पार कर चुका है। गोयल ने कहा कि बुनियादी धातुओं, कोक, रिफाइंड पेट्रोलियम, खाद्य उत्पादन, रसायन और मोटर वाहनों में लगातार वृद्धि यह दर्शाती है कि भारत एक मजबूत विनिर्माण और उपभोग आधारित विकास कर रहा है।
उन्होंने बताया कि जीवीए (Gross Value Added) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में विनिर्माण रोजगार में 7.5% और औसत पारिश्रमिक में 6.3% की वृद्धि हुई है, जो "मेक इन इंडिया" की सफलता का प्रमाण है। गोयल ने कहा, "भारत एक वैश्विक विनिर्माण और निर्यात केंद्र के रूप में उभर रहा है," और यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2022 में जीवीए में 7.3% की वृद्धि हुई है।
गोयल ने भारत की आर्थिक ताकत को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलने की बात भी कही। उन्होंने कहा, "भारत की अर्थव्यवस्था में लचीलापन है, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, और विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के करीब है।" उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत आने वाले वर्षों में अपनी विकास गति बनाए रखेगा।
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं और कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए स्मार्ट शहरों और औद्योगिक टाउनशिप को मंजूरी दी है। उन्होंने एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई ताकि भारत को एक विनिर्माण महाशक्ति बनाया जा सके।