सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई गई

    03-Jan-2024
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savitribai phule birth anniversary celebrated by central india group of institutions 
 
नागपुर :
मेहमूदा शिक्षण व महिला ग्रामीण विकास बहुद्देशीय संस्था नागपुर के तत्वावधान में कार्यरत सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन ने 3 जनवरी 2024 को गोधनी कॉलेज परिसर में कवि और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की जयंती (Savitribai Phule Birth Anniversary ) मनाई गयी । इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. अनीस अहमद, डॉ. एस. एम. राजन (निदेशक, सेंट्रल इंडिया कॉलेज ऑफ लॉ) तुषार मेश्राम (प्रोजेक्ट डायरेक्टर डीडीयूजीकेवाई) डॉ. रवि कलसाईत (प्रिंसिपल, सेंट्रल इंडिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी), मदन कड़वे (प्रिंसिपल सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी), आरफा सुल्ताना (प्रिंसिपल एएमसीईएस इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी), डॉ. अब्दुल आहद , सेंट्रल इंडिया कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एंड स्टडीज, डॉ. स्वाति राउत (प्रिंसिपल सेंट्रल इंडिया कॉलेज ऑफ एजुकेशन), डॉ. सीमा चिखले (प्रिंसिपल सेंट्रल इंडिया वीमेंस कॉलेज ऑफ एजुकेशन), रजनी वासनिक (सेंट्रल इंडिया नर्सिंग कॉलेज), रिज़वान अली (प्रिंसिपल एएमसीई प्राइवेट आईटीआई) और डॉ. यास्मीन सिद्दीकी (प्रिंसिपल सेंट्रल इंडिया अध्यापक कॉलेज), डॉ. शबाना अंजुम कुरेशी और सेसिलिया रूबेन, (प्रिंसिपल सेंट्रल इंडिया) प्ले स्कूल ने भाग लिया था।
 
कार्यक्रम की शुरुआत में मान्यवरो द्वारा सावित्रीबाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण किया गया और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के दौरान डॉ. अनीस अहमद ने सावित्रीबाई के काम और इतने वर्षों के बाद भी आज के समय में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। डॉ. अनीस अहमद ने कहा कि सावित्रीबाई ने अपने पति के साथ मिलकर देश में जाति और लिंग आधारित भेदभाव को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सावित्रीबाई आज भी महिलावोके लिए आदर्श है।
 
डॉ. राजन ने अपने भाषण में सावित्रीबाई को भारत की पहली महिला शिक्षिका के रूप में याद किया, जिन्होंने शिक्षा और साक्षरता के क्षेत्र में महिलाओं और अछूतों के उत्थान के लिए काम किया। डॉ. राजन ने कहा कि सावित्रीबाई और उनके पति ने महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए पहला स्कूल खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने प्रतिभागियों से सावित्रीबाई द्वारा निर्धारित उच्च आदर्शों का अनुकरण करने का आवाहन किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. राहिला अंजुम ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रेखा काले ने किया।