नागपुर।
वरिष्ठ शास्त्रीय गायिका प्रभा अत्रे के निधन की खबर अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है। किराना घराने की गायिका प्रभा अत्रे ने अपने शास्त्रीय गायन से देश भर के श्रोताओं को न केवल मंत्रमुग्ध किया, बल्कि गायन के इस जटिल क्षेत्र को काफी समृद्ध भी किया। वे अपने बेहरीन गायन के लिए जानी जाती थीं।
नवीनता एवं सटीकता उनकी गायन शैली की पहचान थी। उनकी आवाज में तपस्या की ताकत थी। सिर्फ गायन ही नहीं, उन्होंने अपने प्रशंसकों को ज्ञानवान बनाने के लिए भी कार्य किया। संगीत के प्रति उनकी सेवाओं के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा 'पद्म श्री', 'पद्म भूषण' और 'पद्म विभूषण' जैसे श्रेष्ठ पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
पिछले महीने 25 दिसंबर 2023 को जब उन्हें पुणे में अटल संस्कृति पुरस्कार प्रदान किया गया तो उन्हें भी शायद अंदाजा नहीं था कि यह उनकी ज़िन्दगी का आखिरी पुरस्कार साबित होगा। उनसे मिलना और उनका संगीत सुनना हमेशा एक अद्भुत अनुभव रहा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनके अपार योगदान को शब्दों में वर्णित करना असंभव है। प्रभा अत्रे ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की सेवा करते हुए नए गायक तैयार करने का सराहनीय काम किया। भारतीय संगीत सदैव उनका ऋणी रहेगा। मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे उनके परिवार, प्रियजनों और प्रशंसकों को यह दुख सहन करने की शक्ति दें,' इस आशय के विचार व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रभा अत्रे को श्रद्धांजलि अर्पित की।