नागपुर : हाल ही में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया था कि 'हिट एंड रन' कानून फिलहाल लागू नहीं किया जा रहा है। लेकिन फिर भी गुसाए ट्रक ड्राइवरों ने मंगलवार आधी रात से इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे विदर्भ में 15 हजार ट्रकों के पहिए थम गए। इस आंदोलन के कारण आवश्यक वस्तुओं और अन्य सामानों के परिवहन की समस्या गंभीर होने की संभावना है। देश के केंद्र में होने के कारण, प्रतिदिन हजारों ट्रक नागपुर से देश की चारों दिशाओं में भारी मात्रा में विविध वस्तुओं का परिवहन करते हैं। इस बीच, नागपुर में कई परिवहन कंपनियों के ड्राइवरों ने कानून का विरोध करते हुए सेवा बहाल करने से इनकार कर दिया है। इसके चलते शनिवार रात और रविवार को कई टन आवश्यक सामग्रियों का कन्साइनमेंट मंज़िल तक नहीं पहुंच पाया।
इस विरोध प्रदर्शन में अभी तक स्कूल बसों और एंबुलेंस के ड्राइवर शामिल नहीं हुए हैं। इसलिए, नागपुर और विदर्भ में स्कूल बसों और एम्बुलेंस का परिवहन फिलहाल प्रभावित नहीं होगा। पेट्रोल और डीजल सहित ईंधन टैंकरों का परिवहन करने वाले ड्राइवरों ने मंगलवार रात तक अपनी सेवाएं जारी रखीं। लेकिन बुधवार को ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल को मद्देनजर रखते हुए ईंधन की आपूर्ति फिर से बाधित होने का खतरा है। बाबा ट्रेवल्स के संचालक बाबा डवरे ने बताया कि अभी यात्रियों को लाने ले जाने वाली निजी ट्रेवल्स की सेवाएं चालू हैं।
“ट्रक चालकों ने केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में सेवाएं बहाल करने से इनकार कर दिया है। इसलिए माल परिवहन बंद होने की कगार पर है। केंद्र सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर इस कानून को रद्द करना चाहिए और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। अगर ऐसा होगा तो ट्रक ड्राइवरों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और इस तरह के आंदोलनों से बचा जा सकेगा।'
-कुक्कू मारवाह, अध्यक्ष, नागपुर ट्रकर्स यूनिटी एसोसिएशन
नागपुर-तुलजापुर हाईवे पर ट्रक चालकों का जाम
नए मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की मांगों पर सरकार ने अब तक ध्यान नहीं दिया है। इसलिए यवतमाल ट्रक ड्राइवर्स एसोसिएशन ने बुधवार सुबह 11 बजे नागपुर-तुलजापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम किया। चूंकि यह आंदोलन शहर के बाहर चल रहा है, इसलिए दोनों तरफ यातायात बाधित हो गया है।