यवतमाल : भाई-बहन के राखी जैसे पवित्र त्योहार के मौके पर उद्धव ठाकरे हमेशा मेरी आलोचना करते हैं। लेकिन उद्भव ठाकरे अपने भाई, कार्यकर्ताओं और पार्टी के साथ अपना रिश्ता कायम रखने में असफल रहे। ये कहना है यवतमाल-वाशिम से सांसद भावना गवली का। वह यवतमाल में पत्रकारों से बात कर रही थीं।
गवली बोली, क्या उद्भव को पता है रिश्ते की अहमियत ?
भावना गवली ने कहा, ''क्या उद्धव ठाकरे को पता है कि रिश्ते निभाने का मतलब क्या होता है?'' राज ठाकरे से भी उद्धव ठाकरे अपने रिश्ते नहीं निभा पाए। हम पार्टी में 13 सांसदों और 40 से 50 विधायकों के साथ भी वह रिश्ता कायम नहीं रख सके। इसलिए हमने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एकजुट होने का फैसला किया। 2014 में उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाई। लेकिन आज वे उनकी आलोचना कर रहे हैं। उद्धव जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले एकनाथ शिंदे की आलोचना हो रही है। भावना गवली ने आरोप लगाया कि रिश्तों को बनाए रखने में विफलता और दूसरों की आलोचना करना मूल रूप से उद्धव ठाकरे की गलती थी।
उद्धव ठाकरे के बयान पर भड़की गवली
शिवसेना प्रमुख उद्भव ठाकरे ने रविवार को भरी सभा को संबोधित कर गवली की खूब आलोचना की थी। ठाकरे ने कहा था कि भावना गवली के खिलाफ ईडी की कार्रवाई चल रही थी। इस बीच भावना गवली ने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी बांधी थी। इसके बाद उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई रुक गई। ठाकरे के इसी बयान पर भावना गवली भड़क गई।
ईडी कार्रवाई का रक्षाबंधन से लेना-देना नहीं
गवली ने कहा कि हम पिछले 24 वर्षों से रक्षा बंधन मनाते आ रहे हैं। निर्वाचन क्षेत्र के हजारों नागरिकों के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र के लोगो को भी राखी भेजते हैं। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी को भी राखी बांधी गई थी। लालकृष्ण आडवाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राखी बांध चुकी हैं। इसलिए ईडी की कार्रवाई का रक्षाबंधन के त्योहार से कोई लेना-देना नहीं है।