मत्स्य विभाग के विशेष कार्याधिकारी डॉ. अभिलक्ष लिखी ने मत्स्य कृषकों के साथ किया संवाद

    08-May-2023
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 special officer of fisheries department dr abhilaksh likhi interacted with fish farmers - Abhijeet Bharat
 
नई दिल्ली : भारत सरकार के मत्स्य विभाग के विशेष कार्याधिकारी, डॉ. अभिलक्ष लिखी (आईएएस) द्वारा संस्थान के तेलीबाग लखनऊ स्थित मुख्यालय परिसर का दौरा किया गया व मत्स्य कृषकों के साथ संवादात्मक बैठक की गई तथा यहां स्थित मत्स्य फार्म, राष्ट्रीय मत्स्य संग्रहालय, गंगा एक्वेरियम आदि का अवलोकन करते हुए संस्थान के वैज्ञानिकों से संवाद किया गयाI डॉ लिखी द्वारा संस्थान के मछली फार्म के तालाब में उन्नत किस्म की कार्प मत्स्य प्रजातियों को छोड़ा गया तथा मत्स्य कृषकों को मछलियों में होने वाले ऊमायसीट रोग से बचाव के लिए संस्थान द्वारा विकसित की गयी औषधि ‘ऊनिल’ का वितरण कियाI डॉ. लिखी ने मत्स्य संसाधनों के संरक्षण, विकास और प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप संस्थान द्वारा किए जा रहे अनुसंधान कार्यों की सराहना की। उन्होंने बाराबंकी जनपद के देवा ब्लाक स्थित मिश्रीपुर ग्राम में प्रगतिशील मत्स्य उद्यमी श्री परवेज़ खान की मत्स्य फीड फैक्टरी व मछली फार्म का दौरा भी किया।
 

 special officer of fisheries department dr abhilaksh likhi interacted with fish farmers - Abhijeet Bharat 
 
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ उत्तम कुमार सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ एन एस रहमानी द्वारा महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों एवं गतिविधियों के सम्बन्ध में एक प्रस्तुति भी दी गई I कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, लखनऊ, महाराजगंज तथा आसपास के जिलों के किसान उपस्थित थे जिन्होंने विशेष कार्याधिकारी को अपने-अपने मत्स्य पालन के तरीकों, उससे उपार्जित आय व संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा मछली पालन में उन्हें प्राप्त हो रही सहायता के विषय मे बताया।
 
डॉ. लिखी ने संस्थान के मछली फार्म में पाली गयी खाद्य व शोभाकारी मत्स्य प्रजातियों को देखा तथा उनके माध्यम से आजीविका सृजन के अवसरों के व्यापक विस्तार करने की आवश्यकता बताईI साथ ही राष्ट्रीय मत्स्योत्पादन बढ़ाने हेतु मात्स्यिकी के क्षेत्र में देश मे संचालित अनेक स्टार्टअप्स का पता लगाने और उनके नवाचार, ऐप्स इत्यादि को मछुआ समुदाय तक पहुचाने की भी आवश्यकता बताईI डॉ लिखी ने कहा केंद्र व राज्य के मात्स्यिकी विभाग मिल कर देश में मत्स्योत्पादन को नित नए रिकॉर्ड स्तर तक ले सकते हैं I कार्यक्रम में उ.प्र. सरकार के मत्स्य विभाग के विशेष सचिव व निदेशक श्री प्रशान्त शर्मा ने मत्स्य कृषको को मत्स्य पालन को बढ़ावा देने वाली सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्हें राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
 
आईसीएआर-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज, लखनऊ, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारत सरकार के अधीन एक प्रमुख मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान है, जो भारतीय मत्स्य प्रजातियों के अन्वेषण, सूचीकरण, मूल्यांकन और लक्षण वर्णन के माध्यम देश में मत्स्य उत्पादन बढ़ाने और प्राकृतिक आवासों में मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण संबंधी अनुसंधान में संलग्न हैI संस्थान ने संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण, मत्स्य जनसंख्या आनुवंशिकी, मत्स्य ट्रांसक्रिप्टोमिक्स, एक्स-सीटू और इन-सीटू मत्स्य संरक्षण, मत्स्य शुक्राणु क्रायोबैंक के, मत्स्य आणविक रोग निदान और चिकित्सा, जलीय जीव रोगों के लिए राष्ट्रीय निगरानी कार्यक्रम, मत्स्य पालन, जलीय कृषि में रोगाणुरोधी प्रतिरोध तथा मत्स्य विविधता के आकलन के लिए नए और अनछुए भौगोलिक क्षेत्रों की खोज जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने अनुसंधान कार्यक्रमों का विस्तार किया है।