रायगढ़ : गुरुवार 1 जून से रायगढ़ स्थित रामलीला मैदान में 'राष्ट्रीय रामायण महोत्सव' का आयोजन किया गया है जिससे पूरा छत्तीसगढ़ राम लला की भक्ति में डूबा नजर आएगा। इस 'तीन दिवसीय' कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया है। यानि बिना किसी भुगतान के आम जनता राम लला के पठन में शामिल हो सकेगी। आमजन सत्तीगुड़ी चौक की ओर से कार्यक्रम स्थल में प्रवेश कर सकते हैं। कार्यक्रम का समापन 3 जून को किया जायेगा। इस महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों किया जायेगा।
पार्किंग की सुविधा इस प्रकार :
आम लोगों के गाड़ियों की पार्किंग के लिए महोत्सव में अलग से व्यवस्था की गई है। फोर व्हीलर पार्किंग की व्यवस्था गर्ल्स कॉलेज परिसर गांधी गंज में जबकि टू व्हीलर पार्किंग की व्यवस्था सेवा कुंज परिसर के पास हंडी चौक में की गई है। इसके अलावा कई तरह के इंतजामात आम लोगों को देखते हुए महोत्सव में किए गए है।
'अरण्य कांड' की प्रस्तुति मुख्य
जानकारी के मुताबिक, महोत्सव में खास तौर पर 'अरण्य कांड' पर केंद्रित रामायण गाथा की प्रस्तुति होंगी। कहा जाता है कि भगवान श्री राम ने अपने वनवास काल के दौरान अधिकतर समय छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य में बिताया था। महोत्सव में देश विदेश के कलाकारों के माध्यम से आकर्षक रामगाथा का मंचन भी किया जाएगा। तीन दिवसीय इस वृहद आयोजन में हर दिन राष्ट्रीय स्तर के बड़े कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी। दरअसल, मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर आयोजित इस महोत्सव में अरण्य कांड पर आधारित राम कथा की प्रस्तुति राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय दलों के द्वारा होगी। रामायण महोत्सव की थीम अरण्य कांड पर रखने की वजह ये है कि अरण्य कांड तुलसीदास की रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण का ऐसा हिस्सा है, जिसमें भगवान श्रीराम के वनवास के दिनों का वृतांत है। इसमें माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण ने भी उनके साथ वनवास किया था।
महोत्सव में 10 राज्य और 2 देश देंगे अपनी प्रस्तुति
महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया के रामायण दलों द्वारा मंचन भी होगा। कंबोडिया के अंकोर वाट मंदिर और इंडोनेशिया के जावा के मंदिरों में रामायण के जिस रूपों का अंकन है। उसी तर्ज पर प्रस्तुत किया जाएगा। रामायण महोत्सव के दौरान दक्षिण पूर्वी एशिया के इन देशों में रामायण के प्रचलित रूपों की झलक मिलेगी। रामकथा की अलग-अलग क्षेत्र में अपनी खूबी के साथ प्रस्तुति होती है। महोत्सव में 10 राज्य और 2 देश अपनी प्रस्तुति देंगे। पहले दिन अरण्य कांड पर उत्तराखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ राज्यों में प्रतियोगिता होगी। दूसरे दिन झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, असम, हिमाचल प्रदेश, गोवा और छत्तीसगढ़ राज्य के बीच प्रतियोगिता होगी। समापन समारोह पर विजेता दलों को पुरस्कृत किया जाएगा। महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया में फैले राम कथा के विविध रूपों की झलक दर्शकों को देखने मिलेगी।
1 जून को महोत्स्व की शुरुआत इंडियन आइडल फेम सन्मुख प्रिया और सारेगम फेम शरद शर्मा की सुरीली प्रस्तुति से होगी। 2 जून को मशहूर गायक बाबा हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह लक्खा की संगीतमय प्रस्तुति लोगों का मन मोहेंगी. 3 जून को लोकप्रिय भजन गायिका मैथिली ठाकुर और देश के मशहूर कवि कुमार विश्वास की प्रस्तुति से छत्तीसगढ़ में रामभक्ति की धारा प्रवाहमान होगी।
राम-वन-गमन पर्यटन परिपथ परियोजना का विकास
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राम-वन-गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के तहत भगवान श्री राम के वनवास काल के दौरान यात्रा से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है। सरगुजा से लेकर बस्तर तक जहां-जहां भगवान राम के चरण पड़े हैं, उन स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। देखे उसकी एक झलक :
सामूहिक हनुमान चालीसा का होगा पाठ
महोत्सव के दौरान तीनों दिन सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ होगा. समापन समारोह के दिन केले महाआरती और दीपदान का आयोजन भी होगा। कार्यक्रम के औपचारिक शुरुआत के पश्चात हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा. हनुमान चालीसा का पाठ स्थानीय कलाकारों और पुरोहितों द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर विदेशी और अंतरराज्यीय कलाकारों द्वारा मार्च पास्ट भी किया जाएगा।