नागपुर: आसमान में अगर सूरज है तो परछाई जरूर दिखती है, लेकिन २६ मई को नागपुर में दोपहर ठीक १२ बजकर १० मिनट पर आसमान में सूरज तो है लेकिन किसी चीज का साया नहीं दिखाई दी। यह घटना भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में देखने को मिल रही है। यह एक बहुत ही खास भौगोलिक घटना है। जिसे जीरो शैडो डे के नाम से जाना जाता है। जीरो शैडो डे के दिन जमीन पर किसी वस्तु की परछाई को कुछ देर तक दिखना बंद हो जाती है। यह घटना अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दिनों में देखने को मिली।
सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण इसी प्रकार जीरो शैडो भी एक बेहद भी महत्वपूर्ण घटना है। वैज्ञानिक दृष्टि से अगर देखे तो यह एक महत्वपूर्ण घटना है। जीरो शैडो में सूर्य ठीक हमारे सिर के ऊपर होता है जिस कारण हमारी छाया नहीं बनती। जब सूरज ठीक सिर के ऊपर होता है जब होता है, तो सूरज की किरणें सीधे हमारे शरीर पर पड़ती हैं। इस दौरान जमीन पर आपको ऐसी किसी भी रखी हुई वस्तु की छाया दिखाई नहीं देगी। इस विशेष वैज्ञानिक घटना को और अधिक विस्तृत जानकारी देने के लिए रमन विज्ञान केंद्र में विशेष व्यवस्था की गई थी। यहां बताया गया है कि (जीरो शैडो) शून्य छाया कैसे बनती है। जीरो शैडो कैसे तैयार होती है इसका वास्तविक अनुभव लोगों के अलावा बच्चों को भौगोलिक दृष्टि से समझाने का प्रयास किया गया।
सूर्य और पृथ्वी की स्थिति
यह विशेष स्थिति पृथ्वी के रोटेशन के झुकाव के कारण है घटित होती है। पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा के तल के लंबवत होने के बजाय, यह २३.५ डिग्री झुका हुआ है। इस कारण प्रतिदिन दोपहर में सूर्य सीधे यह आपके सिर के ऊपर से नहीं होता। लेकिन, यह धरती पर साल में दो बार कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच होता है, जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पूर्ण रूप से संभव है। राशि के उष्णकटिबंधीय और मकर राशि के मध्य में साल में दो बार जीरो शैडो दिन होते है।