नागपुर : एक पुलिस कांस्टेबल को हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश की निजी वाहन की सवारी करना महंगा पड़ गया। सवारी के दौरान वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसकी मरम्मत में करीब 2 लाख 28 हजार रूपये आये। जब इस बात का खुलासा हुआ तो पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कांस्टेबल को उसके इस रवैये के लिए बर्खास्त कर दिया।
सीसीटीवी से सामने आया 'अज्ञात'
बर्खास्त कांस्टेबल की पहचान अमित जिल्पे के रूप में की गई है, जो 2016 बैच का भर्ती है और जिसे पुलिस मुख्यालय में नियुक्त किया गया है। कांस्टेबल अमित को हाई कोर्ट के वाल्मीकि सा मेनेजेस के सिविल लाइंस स्थित घर में नियुक्त किया गया था। 4 अप्रैल को रात के लगभग 11 बजे अमित ने निजी उपयोग के लिए न्यायाधीश के वाहन का इस्तेमाल किया। उसने वायुसेना नगर से यात्रा करते समय कार पर नियंत्रण खो दिया, जिससे यह एक बिजली के खंभे से टकरा गई। मामूली सी घटना से कार का आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। इस घटना की जानकारी देने के बजाय क्षतिग्रस्त वाहन को बंगले में वापस रखकर घटना को छिपाने की कोशिश की। घटना का पता 5 अप्रैल को सुबह-सुबह चला। सदर पुलिस ने मौके पर आकर तुरंत अज्ञात के खिलाफ शिकायत दर्ज की। जांच के बाद, सीसीटीवी से कांस्टेबल का इसके पीछे हाथ होने की बात पता चली। सोमवार को पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने पुलिसकर्मी अमित जिल्पे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसे उतावले रवैये के लिए ड्यूटी से बर्खास्त कर दिया।
अमित कुमार ने कार की मरम्मत की लागत का भुगतान करने के लिए जिल्पे के सेवानिवृत्ति लाभों से 2.28 लाख रुपये लेने का भी आदेश दिया। कांस्टेबल अमित जिल्पे के संदिग्ध सेवा रिकॉर्ड से परिचित लोग उनके इस व्यवहार से अचंभित है।