अकोला : अकोला जिले के शेगांव बालापुर मार्ग पर शेगांव-आगरा के एसटी बस चालक के साथ निजी बस चालक से लग्जरी चालक ने मारपीट की। इस मामले में अकोला जिले की बालापुर पुलिस ने मामला दर्ज किया है और पुलिस ने कहा है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए। इसी बीच खामगांव के स्वामी ट्रैवल्स के निजी बस चालक ने शेगांव आगरा से यवतमाल जा रहे शेगांव आगरा के बस चालक को साइट देने के कारण को लेकर मारपीट की। यह घटना शेगाव से बालापुर के बीच घटित हुई जिसके मारपीट का विडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
आख़िर क्या है पूरा मामला?
बुलढाणा जिले के शेगांव आगरा से एसटी बस सवारियों से भरी हुई थी और यवतमाल के लिए रवाना हुई। बस को ड्राइवर योगेश गोंडोकर और कंडक्टर दीपक चिकडे ले जा रहे थे। इस बीच शेगांव बालापुर मार्ग से जाते समय लग्जरी बस चालक महामंडल की एसटी बस को आगे बढ़ने के लिए साइड नहीं दे रहा था। कुछ देर बाद लग्जरी बस में सवार यात्री सड़क के एक किनारे पर रुक गया और जैसे ही यात्री को उतारने के लिए बस रुकी, एसटी चालक ने अपनी बस को कर आगे की ओर कर लिया। लेकिन तभी लग्जरी बस चालकों ने अपनी बस की रफ्तार बढ़ा दी और एसटी बस को ओवरटेक कर बस को रोक लिया। एसटी बस ड्राइवर ने लग्जरी बस चालक से कहा कि बस आगे क्यों बढ़ी? इसलिए उसने बस रोक दी और दोनों के बीच बहस शुरू हुई। एसटी चालक योगेश गोंडोकार के साथ कहासुनी के दौरान कुछ यात्रियों ने बीच-बचाव कर विवाद को निपटाने का प्रयास किया, लेकिन लग्जरी बस चालक मानने के लिए तैयार नहीं हुआ और कहासुनी मारपीट में बदल गई। लग्जरी ड्राइवर ने एसटी बस ड्राइवर गोंडोकार को बुरी तरह मारा जिससे ड्राइवर की आंख और दिमाग में चोट लग गई। मारपीट में गंभीर रूप से घायल एसटी बस चालक का अकोला के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस मामले में बालापुर पुलिस ने लग्जरी बस के चालक व मालवाहक के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है। इस मामले में कहा गया कि पुलिस अधीक्षक संदीप घुगे ने खुद संज्ञान लेने के बाद अपराध दर्ज कर लिया है।
राज्य के कई हिस्सों में एसटी महामंडल के वाहक व चालकों पर हमले हो रहे हैं। लग्जरी बस चालकों ने शेगांव आगरा के एसटी चालक पर भी हमला किया। इसी दौरान लग्जरी बस चालक ने एसटी बस के चालक व परिचालक दोनों का कॉलर पकड़ लिया और उसके साथ आए कुछ गुंडों ने एसटी चालक की पिटाई भी कर दी। इस पिटाई में एसटी चालक की आंख पूरी तरह जख्मी हो गई, जब वह मामले की शिकायत करने पुलिस के पास गया तो पुलिस से अपेक्षित किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिली। ना ही मनचाहा इलाज नहीं मिला और न ही समय पर सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलीं। इस बीच, विदर्भ एसटी कामगार सेना के विनोद पोहरे ने इस मामले में मामला दर्ज करने में ढिलाई बरतने वाले पुलिस निरीक्षक अनिल जुंबळे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ ही उनके निलंबन की मांग की है।