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नई दिल्ली :
संस्कृति मंत्रालय 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के देश के अनुभवी कलाकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 'वयोवृद्ध कलाकारों के लिए वित्तीय सहायता' (पूर्व में 'कलाकारों के लिए पेंशन और चिकित्सा सहायता के लिए योजना') के नाम से एक मासिक कलाकार पेंशन के रूप में योजना का संचालन करता है। सरकार का यह प्रयास रहा है कि हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान समय पर हो, इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, अनुशंसित कलाकारों को वित्तीय सहायता का वितरण योजना के तहत चयनित लाभार्थियों द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि जैसे आवश्यक दस्तावेजों को जमा करने के अधीन है। चयनित लाभार्थियों से समय पर अपेक्षित दस्तावेजों को जमा न करने के परिणामस्वरूप उन्हें पेंशन भुगतान में देरी हो रही है।
एक बार लाभार्थियों से सभी आवश्यक दस्तावेज प्राप्त हो जाने के बाद, पेंशन के वितरण को शीघ्रता से पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जाते हैं। चूंकि कलाकार पेंशन जारी करना एक सतत प्रक्रिया है, इसलिए लाभार्थियों से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने पर लंबित भुगतान जारी करने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है।
संस्कृति मंत्रालय ने वर्ष 2017 से पहले चयनित लाभार्थियों को मासिक कलाकार पेंशन वितरित करने के लिए 2009 में एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से जीवन बीमा निगम (LIC) को सौंपा है।
LIC के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा की जाती है और उनसे आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने पर कलाकार लाभार्थियों के समय पर संवितरण के लिए और इस संबंध में एक त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए उन्हें सलाह जारी की जाती है। वृद्ध कलाकारों को पेंशन के वितरण में देरी को कम करने के लिए, चयनित लाभार्थियों को कलाकारों की पेंशन वर्ष 2017-18 से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त होने पर मंत्रालय द्वारा स्वयं जारी की जाती है।
यह जवाब उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के संस्कृति, पर्यटन और विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को लोकसभा में दिया।