क्या आपके टीवी में भी नहीं चल रहे कई चैनल? जानें वजह...
18-Feb-2023
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नागपुर:
टेलीविजन प्रेमी शनिवार सुबह से ही परेशान (Television Channels Not Working Know Reason) है क्योंकि कनेक्शन की पेमेंट या सेट अप बॉक्स रिचार्ज होने के बावजूद दर्शक मूवी, स्पोर्ट्स, स्टार, सोनी टीवी जैसे कई चैनल नहीं देख पा रहे हैं। टीवी चैनलों पर प्रोग्राम की जगह एक संदेश प्रदर्शित हो रहा है, जिसमे कहा गया है-
दरअसल, रिलायंस, डिज्नी स्टार और ज़ी सहित प्रमुख प्रसारकों ने केबल ऑपरेटरों (Television Channels Not Working Know Reason) को नोटिस भेजकर न्यू टैरिफ ऑर्डर (NTO) 2.0 के लिए रेफरेंस इंटरकनेक्ट ऑफर (RIO) पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। जिस पर केबल ऑपरेटरों ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है। GTPL, हैथवे, डेन, एनएक्सटी डिजिटल, फास्टवे, केसीसीएल, एशियानेट और UCN सहित भारत के कुछ सबसे बड़े केबल ऑपरेटरों ने प्रसारकों द्वारा इस अनुचित मूल्य निर्धारण के विरोध में समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसके अलावा, एलसीओ संघ इस अनुचित मूल्य निर्धारण के खिलाफ अदालत में लड़ रहे हैं। जिस पर 21 फरवरी को सुनवाई होनी है। हालांकि, ब्रॉडकास्टर कीमतों में वृद्धि के लिए ऑपरेटर पर दबाव बना रहे है। यहां तक कि रातों रात डिस्कनेक्शन की भी धमकी दे दी गई है।
ऐसे में बंगाल एलसीओ असोसिएशन ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और डिस्कनेक्शन (Television Channels Not Working Know Reason) पर रोक लगाने की मांग की। वहां के न्यायाधीश ने मौखिक रूप से ब्रॉडकास्टर के वकीलों को डिस्कनेक्शन की कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा क्योंकि मामला मंगलवार के लिए पोस्ट किया गया है। बता दें, नया टैरिफ ऑर्डर 1 फरवरी, 2023 से लागू होना था। हालांकि, कुछ केबल ऑपरेटरों ने कीमतों में बढ़ोतरी का पालन नहीं किया। ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (एआईसीडीएफ) के सभी सदस्यों को नोटिस भेजा गया है। NTO 2.0 के कार्यान्वयन पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के खिलाफ एआईसीडीएफ का एक अदालती मामला चल रहा है।
विभिन्न अदालतों में कई मामले लंबित होने पर भी ब्रॉडकास्टर डिस्कनेक्शन की धमकी (Television Channels Not Working Know Reason) दे रहे हैं। कीमतों में यह बढ़ोतरी खुद प्रसारकों ने की है। वे नवंबर 2022 में ट्राई द्वारा जारी किए गए टैरिफ ऑर्डर के अनुसार संशोधित कीमतों को लागू करने की जल्दी कर रहे हैं। प्रबंधन सेवा संगठन (MSO) के साथ-साथ LCO ने इस संबंध में कई मौकों पर ट्राई से शिकायत की है। जब ब्रॉडकास्टर NTO 1 के खिलाफ कोर्ट गए तो मामला करीब दो साल तक खींचता रहा और TRAI की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। 2020 में भी ऐसा ही परिस्थिति बनी हुई थी जब ब्रॉडकास्टर करीब दो साल तक कोर्ट में थे। आज जब केबल ऑपरेटर कोर्ट में चले गए हैं, ट्राई नई दरों को लागू करने की जल्दबाजी में है और उनके अनुपालन के लिए नोटिस भी भेजा है।
ब्रॉडकास्टर्स (Television Channels Not Working Know Reason) ने भी इस मूल्य वृद्धि के बारे में उपभोक्ताओं को कोई जानकारी नहीं दी है, जो उन्होंने NTO 1 को लागू करते समय की थी। इस बार, वे LCO और MSO से उम्मीद कर रहे हैं कि वे जाकर उपभोक्ता से भिड़ेंगे और खुद मूल्य वृद्धि के बारे में बताएंगे। यदि ऐसा होता है तो उपभोक्ताओं पर कीमत का पर्याप्त प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जो सभी प्लेटफॉर्मों पर होगा और केवल केबल प्लेटफॉर्म तक ही सीमित नहीं रहेगा। और बढ़ती महंगाई के बीच आम आदमी के लिए टीवी या कोई भी अन्य स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म देखना महंगा हो जाएगा।
वहीं, दूसरी तरफ अगर ब्रॉडकास्टर इस डिसकनेक्शन (Television Channels Not Working Know Reason) से गुजरते हैं और अपने चैनलों का प्रसारण बंद कर देते हैं, तो लगभग 30-35 मिलियन सब्सक्राइबर हैं जिन पर सिग्नल दिखाई नहीं देंगे जिसका असर विज्ञापनदाताओं पर भी पड़ेगा। यानी अर्थव्यस्था भी इससे प्रभावित हो सकती है।