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मुंबई : जिस गाने ने पुरे महाराष्ट्र को दीवाना बना रखा है। जिस गाने को जब भी बजाया जाता है तब सुनकर एक नई ऊर्जा लोगों में देखने मिलती है। जिस गाने को प्रेरणा गीत, पूर्ति गीत के नाम से जाना जाता है। अब इसे राज्य स्तर पर मान्यता मिली है। यह गाना है 'जय जय महाराष्ट्र माझा' जिसे राज्यगीत के रूप में घोषित किया गया है। कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया।
जानकारी के मुताबिक सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि 19 फरवरी 2023 से छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के मौके पर लागू किया जाएगा।
'जय जय महाराष्ट्र माझा' इस मराठी गाने को शहीर साबळे द्वारा गाया गया है जबकि गीतकार राजा बढ़े ने इस गाने को लिखा है। इसके अलावा श्रीनिवास खले इस गाने के संगीतकार हैं।
जब इस गाने को राज्यगीत बनाने को लेकर चर्चा चल रही थी तब उन्होंने कहा था कि फ़िलहाल 11 राज्य ऐसे है जिसके पास अपने राज्यगीत है। अब महाराष्ट्र का भी अपना गाना होगा। बता दे नवंबर के पहले सप्ताह में 'जय जय महाराष्ट्र मझा' गीत को राजकीय राज्य गीत के रूप में स्वीकृति दी गई।
1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य के अस्तित्व में आने पर मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क में आयोजित एक समारोह में शाहिर साबले ने राज्य के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण के सामने यह गीत गाया था। 'जय जय महाराष्ट्र मझा' गाने को 1.15 से 1.30 मिनट के बीच फिट करने की योजना है। राष्ट्रगान की अवधि भी केवल 52 सेकेंड है। इस गाने के मूल बोल नहीं बदले जाएंगे। मुनगंटीवार ने बताया कि कार्यक्रमों के शुरुआत में यह गीत गाया जाएगा और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।