Budget 2023: नर्सिंग कॉलेज, सिकल सेल एनीमिया के विनाश, और चिकित्सा उपकरणों को लेकर घोषणाएं

01 Feb 2023 17:22:18

health announcement on budget 2023
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नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते इंडिया@100 और अमृत काल के विजन के अनुरूप 2014 के बाद से स्थापित 157 मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थानों में 157 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की घोषणा की।
 
उन्होंने कहा, 'हमने समृद्ध और समावेशी भारत की परिकल्पना की है, जिसमें विकास का लाभ सभी क्षेत्रों और नागरिकों, विशेषकर हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, अन्य पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक पहुंचे।'
 
सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन शुरू
 
निर्मला सीतारमण ने सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के शुभारंभ की भी घोषणा की जिसमें प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में जागरूकता सृजन, शून्य से 40 वर्ष के आयु वर्ग के 7 करोड़ लोगों की यूनिवर्सल स्क्रीनिंग और केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से काउंसलिंग का कार्य किया जाएगा।
 
शोध एवं अनुसंधान के लिए आईसीएमआर प्रयोगशालाओं की उपलब्धता
 
वित्त मंत्री ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए चुनिन्दा आईसीएमआर प्रयोगशालाओं की सुविधाएं सरकारी तथा निजी मेडिकल कॉलेज संकाय तथा निजी क्षेत्र के अनुसंधान एवं विकास दलों को अनुसंधान के लिए उपलब्ध कराई जाएगीं।
 
फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार
 
फार्मास्युटिकल क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम विशिष्ट प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों में अनुसंधान तथा विकास में निवेश के लिए उद्योगों को भी प्रोत्साहित करेंगे।”
 
चिकित्सा उपकरणों हेतु बहुविषयक पाठ्यक्रम
 
चिकित्सा क्षेत्र में भविष्योन्मुख चिकित्सा प्रौद्योगिकियों और उच्च स्तरीय विनिर्माण के महत्त्व को रेखांकित करते हुए माननीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि मौजूदा संस्थानों में चिकित्सा उपकरणों हेतु पूर्ण समर्पित बहुविषयक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि भविष्योन्मुख चिकित्सा प्रौद्योगिकियों, उच्च स्तरीय विनिर्माण तथा अनुसंधान के लिए कार्य बल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
 
पिछले बजट में, सरकार ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) को लगभग 86,200 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.5 प्रतिशत अधिक है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में दिखाया गया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकारों का बजटीय खर्च 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.1 प्रतिशत तक पहुंच गया है। एक साल पहले संशोधित अनुमान जीडीपी का 2.2 फीसदी था।
इसकी तुलना में, 2020-21 (FY21) में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1.6 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च किया गया था।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में सरकार के स्वास्थ्य व्यय को 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
इसके अलावा, कुल स्वास्थ्य परिव्यय में सरकार के स्वास्थ्य व्यय का हिस्सा वित्त वर्ष 14 में 28.6 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 19 में 40.6 प्रतिशत हो गया है, आर्थिक सर्वेक्षण से पता चला है।
रिपोर्ट के अनुसार कुल स्वास्थ्य व्यय के हिस्से के रूप में आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (OOPE) वित्त वर्ष 19 में घटकर 48.2 प्रतिशत हो गया है, जो वित्त वर्ष 14 में 64.2 प्रतिशत था।
सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि सामाजिक सेवाओं पर कुल खर्च में स्वास्थ्य पर खर्च का हिस्सा वित्त वर्ष 19 में 21 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 23 (बीई) में 26 प्रतिशत हो गया है।
 
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