नागपुर : राज्य में परशुराम आर्थिक विकास निगम की स्थापना हेतु प्रस्ताव को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में नागपुर विधान भवन में बैठक हुई। पिछले कई वर्षों से प्रदेश का समस्त ब्राह्मण समाज एक स्वतंत्र परशुराम आर्थिक विकास निगम की स्थापना की मांग कर रहा है। इस संबंध में, ब्राह्मण समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने 12 दिसंबर को नागपुर विधानमंडल में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मुलाकात की और एक ज्ञापन दिया, जिसकी जानकारी परशुराम सेवा संघ के अध्यक्ष विश्वजीत देशपांडे ने दी।
एक अलग परशुराम वित्तीय निगम की स्थापना की जानी चाहिए, ब्राह्मण छात्रों के लिए प्रत्येक जिले में एक छात्रावास और सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए एक परशुराम भवन होना चाहिए, ब्राह्मण पुजारियों को 5 हजार रुपए मासिक वजीफा और विभिन्न मंदिरों में नियुक्त कर नियमित पूजा-अर्चना करने का अधिकार दिया जाए, विरासत में मिली इनामी जमीनों का मालिकाना हक स्थाई तौर पर हस्तांतरित किया जाए और ब्राह्मण समाज की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाया जाए आदि मांगों का जिक्र ज्ञापन में किया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने अनुरोध किया कि सत्र में इन सभी मांगों को मंजूरी दी जाए। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने आश्वासन दिया कि सरकार उचित निर्णय लेगी और हमारी सभी मांगों पर कार्रवाई करेगी। कैबिनेट बैठक में इस फॉर्मूले पर चर्चा हुई। उस समय कैबिनेट ने परशुराम आर्थिक विकास निगम की स्थापना को मंजूरी दी थी। प्रतिनिधिमंडल में शिवसेना विधान परिषद सदस्य डॉ. मनीषा कायंदे, भाजपा विधायक नमिता मुंदड़ा, दीपक राणानवरे, विश्वजीत देशपांडे, विजया कुलकर्णी, संजय देशपांडे, मकरंद कुलकर्णी, राजेंद्र पोद्दार, श्रीकांत जोशी, ईश्वर दीक्षित शामिल थे।