चंद्रपुर : ब्रम्हपुरी वन प्रभाग में तीन लोगों की जान लेने वाली बाघिन के बाद वन विभाग उसके साथी नर बाघ को सोमवार सुबह करीब आठ बजे पकड़ने में कामयाब रहा। बताया गया है कि पिछले सप्ताह लगातार तीन घटनाओं में बाघ के हमले में तीन लोगों की जान चली गयी। 29 अक्टूबर को पलसगांव वन परिक्षेत्र के बेलारा में बाघ ने एक चरवाहे को मार डाला और अगले दिन खडसंगी वन परिक्षेत्र में बाघ के हमले में एक किसान की मौत हो गई। फिर 1 नवंबर को, हल्दा गांव की सैत्राबाई नामदेव कामडी (70) को बाघ ने मार डाला। वन विभाग ने कैमरा ट्रैप लगाया तो पता चला कि इस घटना में दो बड़े बाघ शावक शामिल थे।
तब से, ब्रह्मपुरी वन विभाग के वन कर्मचारी दो बड़े शावकों की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे, जो परिवार से भटक गए थे। तो कल दो से ढाई साल का बाघ के लोकेशन की जानकारी मिलने पर उसे शाम 4 बजे बेहोशी की हालत में पाया गया और आज सुबह 8.30 बजे फिर करीब दो से ढाई साल का नर बाघ पकड़ा गया। क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को बढ़ाने के लिए बाघ को जेल में डालना जरूरी था। उसी के तहत आज बाघ को जेल भेजे जाने से वन विभाग और नागरिकों ने राहत की सांस ली है।
यह कार्रवाई शेंडे वन परिक्षेत्र अधिकारी (प्रा.) दक्षिण ब्रह्मपुरी के मार्गदर्शन में की गई। आरआरटी सदस्य दीपेश, डी टेंभुर्णे योगेश, डी लाकडे, गुरु नानक व्ही ढोरे, वसीम शेख, विकास एस. ताजने, प्रफुल वाटगुरे, आरआरटी वाहन चालक, नूर अली सय्यद, जय सहारे आदि ने भाग लिया।