नागपुर : राज्य सरकार ने बार्टी, सारथी, महाज्योती, टीआरटीआई के कार्यक्रमों और योजनाओं में एकरूपता लाने का निर्णय लिया है। इन चारों संस्थानों की योजनाओं में स्थायी एकरूपता लाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है और एक व्यापक नीति बनाने का भी निर्णय लिया गया है। साथ ही अतिरिक्त छात्रवृत्ति, विदेशी छात्रवृत्ति की योजनाओं के लिए लाभार्थियों की संख्या को भी मंजूरी दे दी गई है।
आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार का यह फैसला एक तरह से इन संस्थानों की स्वायत्तता को खत्म करने जैसा है। प्रत्येक समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को देखते हुए इन संस्थानों के माध्यम से उस समाज के छात्रों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। लेकिन अब इन स्वायत्त संस्थानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम एक जैसे हों, इसे लेकर एक बैठक हुई। इसके मुताबिक, सरकार ने निर्णय की घोषणा कर अतिरिक्त छात्रवृत्ति, विदेशी छात्रवृत्ति की योजनाओं के लिए लाभार्थियों की संख्या को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले के ऐलान के बाद एक बार फिर गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कहा जा रहा है कि नए नियमों के लागू होने से राज्य में बार्टी, महाज्योति, सारथी और आदिवासी अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है। इन संगठनों की गवर्निंग बॉडी ने एक प्रस्ताव लिया था, जिसे बिना लागू किए ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी ने मंजूरी दे दी थी। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा कर मुहर लगा दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके चलते इन संगठनों की स्वायत्तता का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।