Health : वायु प्रदूषण के कारण स्तन कैंसर होने का खतरा

    04-Nov-2023
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Risk of breast cancer due to air pollution - Abhijeet Bharat
 
 
नागपुर : वायु प्रदूषण जहां सांस संबंधी समस्याओं का कारण बनता है, वहीं अब यह बात सामने आई है कि इससे स्तन कैंसर का भी खतरा है। शोध से पता चलता है कि स्तन कैंसर की तेजी से बढ़ती घटनाओं के पीछे वायु प्रदूषण भी एक कारण हो सकता है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे वायु प्रदूषकों के संपर्क में आने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। घर के अंदर और बाहर वायु प्रदूषण के संपर्क में आने वाले लोगों में कैंसर का खतरा आठ प्रतिशत बढ़ गया। यह पीएम 2.5 यानी बारीक कणों के संपर्क में आने वाले लोगों में अधिक आम है।
 
दो देशों अमेरिका और फ्रांस के शोधकर्ताओं ने करीब पांच लाख महिलाओं और पुरुषों पर 20 साल तक यह शोध किया। इसमें 15 हजार 870 ब्रेस्ट कैंसर के मरीज मिले। अध्ययन में ऐसे कई कारकों का पता चला है जो सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसों की रासायनिक प्रतिक्रियाओं से वातावरण में बनने वाले महीन धूल कणों को जोड़ते हैं। इस शोध में इस बात का भी जिक्र है कि इससे बीमारी और समय से पहले मौत हो जाती है। यह समस्या उन लोगों में अधिक आम है जो पहले से ही हृदय या फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित हैं। शोध में वायु प्रदूषण और स्तन कैंसर के बीच संबंध का जिक्र नहीं किया गया। हालांकि, शोध इस बात पर भी सहमत है कि वायु प्रदूषण भविष्य में स्तन कैंसर को कैसे प्रभावित कर सकता है और इसके खतरे को बढ़ा सकता है। इस शोध में कहा गया है कि किसी महिला को स्तन कैंसर होगा या नहीं यह उस हवा पर निर्भर करता है जिससे वह सांस लेती है। 1965 से 1985 के बीच भारत में स्तन कैंसर की घटनाओं में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अध्ययन का अनुमान है कि 2030 तक स्तन कैंसर की वैश्विक घटना 2 मिलियन से अधिक होने की उम्मीद है।