Nagpur : पारदर्शिता और ईमानदारी से अंतिम व्यक्ति तक सेवा प्रदान करें - विजयलक्ष्मी बिदरी

    04-Oct-2023
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नागपुर : प्रशासन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए पारदर्शिता और ईमानदारी से काम करें, यह सलाह संभागायुक्त विजयलक्ष्मी बिदारी ने नव राजपत्रित अधिकारी के रूप में सरकारी सेवा में शामिल होने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिए। वनामती में एकीकृत परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन बिदरी द्वारा किया गया। उस अवसर पर मार्गदर्शन करते हुए वह बोल रही थीं। इस अवसर पर वनामती निदेशक मिताली सेठी, सामान्य प्रशासन विभाग की उप सचिव लीना सांख्ये, कक्ष अधिकारी सुनील निकम, प्रशिक्षण निदेशक सुवर्णा पांडे उपस्थित थे।
 
महाराष्ट्र सरकार की प्रशासनिक सेवा में राजपत्रित अधिकारियों (वर्ग-दो) के लिए प्रशिक्षण सत्र का नौवां बैच शुरू हो गया है और इसके तहत प्रशासन के विभिन्न विभागों के 250 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण 104 सप्ताह की अवधि का है और इसमें सामाजिक सोच और सामाजिक चेतना को गहरा करते हुए गतिशील प्रशासन के लिए विभिन्न विषय सत्र शामिल हैं।
 
प्रशासनिक सेवा में प्रवेश करते समय व्यक्ति प्रशासन के रूप में लोगों की सेवा करना चाहता है। उसी के अनुरूप बिदरी ने कहा कि वह प्रशासन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाना चाहती हैं, प्रशासन में ईमानदारी से काम करते हुए अच्छी सेवाएं देते हुए जनता के लिए हमेशा उपलब्ध रहना चाहती हैं और आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाना चाहती हैं। सहनीय, पारदर्शी तरीके से सेवाएं प्रदान करें इस आशय के निर्देश संभागायुक्त ने दिए। उन्होंने इस भावना के साथ कार्य करने की सलाह दी कि प्रशासनिक सेवा का एक बड़ा अवसर उपलब्ध हुआ है।
 
मिताली सेठी ने विभिन्न प्रशिक्षण गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया क्योंकि प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के समय दिए गए प्रशिक्षण का उपयोग आगे की सेवा के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने दैनिक कार्यों में सूचना एवं प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग कर प्रशासन द्वारा क्रियान्वित अवधारणाओं को किस प्रकार अधिक आसानी से उपयोग में लाया जा सकता है, इसे प्राथमिकता देने के सुझाव दिए।
 
लीना सांख्ये ने कहा, भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर सरकार ने राज्य सेवा में नये आने वाले अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण नीति तैयार की है। ऐसी नीति केवल महाराष्ट्र में लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2004 से प्रशिक्षण शुरू हो गया है और नये अधिकारियों को प्रशासन में गति लाने के साथ ही योजना को राज्य के अंतिम जन तक पहुंचाने का काम करना है ।
 
परिचय में प्रशिक्षण निदेशक सुवर्णा पांडे ने कहा, प्रशासनिक सेवा में द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए वनमती का चयन किया गया था। इस प्रशिक्षण केन्द्र से अब तक 1 हजार 133 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। चालू सत्र में 250 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन प्रो. किशोर वाघमारे ने किया तथा इंदिरा वाघ ने दर्शकों का आभार व्यक्त किया।
 
महिला अधिकारियों के लिए नया छात्रावास
 
प्रशासनिक सेवाओं में महिला अधिकारियों के लिए नवनिर्मित छात्रावास 'वनलता' का उद्घाटन संभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदारी ने किया। इस अवसर पर आदिवासी विभाग के अपर आयुक्त रवींद्र ठाकरे, निदेशक मिताली सेठी, प्रशिक्षण निदेशक सुवर्णा पांडे, सहायक निदेशक डॉ. विद्या मानकर उपस्थित थे।
 
महिला अधिकारियों को प्रशिक्षण अवधि के दौरान आवास की अनुपलब्धता की असुविधा से बचाने के लिए वनमती क्षेत्र में एक पूर्णतः सुसज्जित छात्रावास वनलता का निर्माण किया गया है। इस छात्रावास में 60 कमरे हैं तथा 120 महिला अधिकारियों के लिए आवास, पृथक भोजन कक्ष, शिशु कक्ष आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस छात्रावास के निर्माण के लिए कृषि विभाग द्वारा राशि उपलब्ध करायी गई है। पांच मंजिलों वाला यह सुसज्जित भवन आज से महिला अधिकारियों की सेवा के लिए उपलब्ध है। संभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी ने यहां महिलाओं के लिए उपलब्ध सेवाओं और अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया।
 
महिला छात्रावास के निर्माण में सहयोग करने वाले मोहन चांदुरकर, आर्किटेक्ट भूषण कोटवाल, नारायण बजाज, इंद्रजीत रामटेके, सूरज कुंभारे को संभागीय आयुक्त ने स्मृति चिन्ह और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। डॉ. विद्या मानकर ने महिला अधिकारियों के लिए बनाए गए छात्रावास के बारे में जानकारी दी।