Akola : सरकारी अस्पताल का आंखों देखा हाल; जमीन पर हो रही है महिलाओं की प्रसूति

    20-Oct-2023
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Women are giving birth on the ground at Akola Government hospital - Abhijeet Bharat
 
अकोला : अकोला सरकारी मेडिकल कॉलेज और सर्वोपचार अस्पताल के प्रसूति विभाग में हैरान कर देने वाला मंजर सामने आया है। अस्पताल में आलम यह है कि यह गर्भवती माताओं का इलाज फर्श पर लिटाकर किया जा रहा है। जिन महिलाओं का प्रसव हुआ है उन्हें फर्श पर उठने-बैठने में असहनीय दर्द झेलना पड़ रहा है।
 
क्षमता से तीन गुणा मरीज़
 
अस्पताल के वार्ड में क्षमता से अधिक महिलाएं और नवजात बच्चों को भर्ती किया गया है। जिससे यह बेतहाशा भीड़ बढ़ गई है। वार्डों में भीड़ भाड़ के कारण बच्चों को संक्रमण का भी डर रहता है। अकोला सरकारी मेडिकल कॉलेज को प्रसूति विभाग में 120 बिस्तरों की आवश्यकता है। लेकिन पहले से ही बेड की संख्या कम है। इसमें मरीजों की संख्या अस्पताल की क्षमता से दोगुना या तीन गुना तक बढ़ गई है। हालांकि, बेड की संख्या 75 से 80 से ज्यादा नहीं है। लिहाज़ा, यहाँ लगभग 50 प्रतिशत गर्भवती माताओं को मजबूरी में फर्श पर बिस्तर लगाकर इलाज करना पड़ता है।
 
हर घंटे एक माता की प्रसूति
 
अस्पताल में प्रति घंटे एक डिलीवरी होती है। हर दिन कम से कम 25 महिलाएं बच्चे को जन्म देती हैं। इनमें से 20 महिलाएं अन्य स्थानों से रेफर की गई हैं। एक मरीज को कम से कम सात दिन के लिए भर्ती किया जाता है। प्रसूति विभाग में एक दिन में लगभग 150 मरीजों का इलाज हो रहा है।
 
'कोविड' वार्ड में धूल खा रहे है 200 बेड
 
अस्पताल परिसर में नई बिल्डिंग में कोविड' के दौरान 200 बेड की व्यवस्था की गई थी. यह भवन मेडिसिन विभाग के लिए था. फिलहाल, कोविड मरीजों की संख्या कम है. और वहाँ कई बिस्तर धूल खा रहे हैं. ऐसे में मेडिसिन विभाग को यहां स्थानांतरित कर पुराने भवन में प्रसूति रोगियों के लिए बेड बढ़ाए जा सकते हैं या फिर प्रसव रोगियों के लिए खाली बेड और जगह को सीमित कर कोविड वार्ड बनाया जा सकता है। लेकिन जीएमसी प्रशासन इसकी अनदेखी कर रहा है या किसी बड़ी घटना का इंतज़ार कर रहे हैं जैसे कई सवाल खड़े होते हैं।