नई दिल्ली : भारत के नागरिक उड्डयन नियामक ने एक मसौदा प्रस्तावित किया है जिसमें पायलटों और चालक दल के सदस्यों को ब्रेथलाईजर परीक्षण के दौरान इत्र (Perfume) का उपयोग करने से बचना अनिवार्य हो सकता है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) यह मसौदा लेकर आया है क्योंकि परफ्यूम में आमतौर पर अल्कोहल की मात्रा अधिक होती है और यह ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण को प्रभावित कर सकता है।
नवीनतम मसौदे के अनुसार, “कोई भी चालक दल का सदस्य किसी भी दवा / फॉर्मूलेशन का सेवन नहीं करेगा या किसी भी पदार्थ जैसे माउथवॉश / टूथ जेल / परफ्यूम या अल्कोहल युक्त किसी भी उत्पाद का उपयोग नहीं करेगा जिसके परिणामस्वरूप श्वास नली परीक्षण सकारात्मक हो सकता है। कोई भी क्रू सदस्य जो ऐसी दवा ले रहा है, उसे उड़ान कार्य शुरू करने से पहले कंपनी के डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। डीजीसीए प्रमुख ने कहा, "यह केवल एक मसौदा सीएआर (सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स) है जिसे हितधारकों की टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है।" नियामक डीजीसीए समेत भारत में एयरलाइंस किसी भी ऑपरेशन से पहले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट को लेकर बहुत सख्त हैं, यही वजह है कि ऐसे टेस्ट हमेशा कैमरे की निगरानी में होते हैं।