डॉ. पंजाबराव देशमुख के कृषि 'विजन' को आत्मसात करने की जरूरत: गडकरी

    15-Oct-2023
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नागपुर : डॉ. पंजाबराव उपाख्य भाऊसाहेब देशमुख के नाम पर विदर्भ में शिक्षा क्षेत्र को जो दिशा मिली, वैसी ही दिशा कृषि क्षेत्र को मिलने की जरूरत है। भारत के पहले कृषि मंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के सामने जो दृष्टिकोण रखा, उसे आज आत्मसात करने की जरूरत है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि उनके नाम पर कृषि क्षेत्र पर दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव डालने वाले प्रयोग ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में डॉ. पंजाबराव उपाख्य भाऊसाहेब देशमुख की 125वीं जयंती पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नितिन गडकरी ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के गुरुनानक सभागार में किया गया।
 
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में कवि कुलपति कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. पंकज चंदे उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी ने की। अन्य मान्यवरों में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अरुण चौधरी, शिवाजी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष हर्ष वर्धन देशमुख मुख्य रूप से उपस्थित थे। गडकरी ने कहा, 'डॉ पंजाबराव देशमुख ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और साथ ही शिक्षा को सार्वभौमिक बनाने के लिए अभूतपूर्व काम किया। शिवाजी शिक्षण संस्थान के कार्य को देखकर आज इसकी प्रतिष्ठा होती है। साथ ही उन्होंने देश के कृषि विकास के लिए एक दृष्टिकोण देने का भी प्रयास किया। उनकी 125वीं जयंती पर एक स्मरणीय पुस्तक प्रकाशित की जानी चाहिए, व्याख्यान आयोजित किये जाने चाहिए। लेकिन इन कार्यक्रमों के बाद भी वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए, कृषि क्षेत्र के लिए उन्होंने जो विकास का विजन रखा था, उस पर काम करना ज्यादा जरूरी है, ताकि डॉ. पंजाबराव देशमुख को याद किया जाए। उनका काम विदर्भ से जुड़ा रहा है। इसलिए इस क्षेत्र के किसानों के जीवन पर दीर्घकालिक अच्छा प्रभाव डालने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है।
 
उन्होंने यह भी बताया कि पंजाबराव देशमुख के नाम पर एक अंतर्राष्ट्रीय मानक एग्रो कन्वेंशन सेंटर स्थापित किया जा रहा है। गडकरी ने आगे कहा, 'डॉ पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय को जनोन्मुखी बनाने की जरूरत है। गतिविधियों को इस प्रकार क्रियान्वित किया जाए कि विदर्भ के किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके। जब तक यहां की कृषि की स्थिति में बदलाव नहीं होगा और आम किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा, तब तक इसका लाभ नहीं होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि के समग्र विकास के लिए सरकारी विश्वविद्यालयों का योगदान जरूरी है। गडकरी ने कहा कि कृषि में नवीनतम तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदली जा सकती है।