भारत की बेटी शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र से करेगी देश की रक्षा ...

    03-Jan-2023
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Shiva Chauhan first woman officer to be operationally deployed at highest battleground in Siachen
(Image Credit: Twitter)
 
नई दिल्ली:
 
भारत की बेटी ने एक बार फिर विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है। जहां कई लोग आज भी लड़कियों को कमजोर, अबला या महज ग्रहणी बनने लायक समझते हैं, ऐसी सोच को ललकारते हुए शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्रों में शामिल सियाचिन (Fire and Fury Corps Captain Shiva Chauhan) से देश की रक्षा करने वाली है। इसी के साथ फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान सियाचिन ग्लेशियर पर कुमार पोस्ट के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान में सक्रिय रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गईं। भारतीय सेना के फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से शेयर किये गए ट्वीट में इसकी जानकारी साझा की गई। ट्वीट में बताया गया, "फायर एंड फ्यूरी सैपर्स की कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र कुमार पोस्ट में सक्रिय रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।"
 
 
कैप्टन शिवा के लिए सियाचिन तक का सफर आसान नहीं था। उन्होंने (Fire and Fury Corps Captain Shiva Chauhan) कई कठिनाइयों से भरी कड़ी ट्रेनिंग पूरी की है। क्योंकि सियाचिन ग्लेशियर पृथ्वी पर सबसे ऊंचा युद्ध का मैदान है, यह पकिस्तान और चीन से भारत की सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण और अधिक संवेदनशील युद्ध क्षेत्र है।
 
यहां पड़ोसी देशों से आक्रमण का खतरा तो होता ही है लेकिन इस क्षेत्र में पड़ने वाली ठंड आम आदमी की रूह तक को जमा सकती है। वर्तमान में सियाचिन ग्लेशियर (Fire and Fury Corps Captain Shiva Chauhan) में दिन के समय तापमान -21 डिग्री के करीब रहता है। वहीं, रात के वक्त यह -31 डिग्री तक पहुंच जाता है। यही नहीं, कई बार भारी बर्फ़बारी के चलते जवानों तक खाना या अन्य सहायता भी पहुंचा माना मुश्किल हो जाता है। इन कठिन परिस्थियों में अब भारत की बेटी अन्य जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलकर देश की रक्षा करेगी।
 
 
गौरतलब है कि पृथ्वी पर सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन ग्लेशियर (Fire and Fury Corps Captain Shiva Chauhan) को भारत और पाकिस्तान के बीच रूक रूक कर होती जंग के दौरान 1984 में मिलिट्री बेस घोषित किया गया था। एक अनुमान के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के कुल मिलाकर 2500 जवानों को यहां अपनी जान गंवानी पड़ी है. 2012 में पाकिस्तान के गयारी बेस कैंप में हिमस्खलन के कारण 124 सैनिक और 11 नागरिकों की मौत हो गई थी। जिसके बाद 1984 से 2015 के बीच सिर्फ खराब मौसम के चलते 873 सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं। यहां हमेशा करीब 3000 सैनिकों की तैनाती रहती है। सितंबर 2021 में सियाचिन ग्लेशियर पर 15,632 फीट की ऊंचाई पर स्थित कुमार पोस्ट पर पहुंचने पर विशेष रूप से विकलांग आठ लोगों की एक टीम ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था।