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नई दिल्ली : आजादी के अमृत पर्व के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' कर दिया गया है। बता दे, राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन दशकों से पूरी दुनिया में मशहूर है। 'अमृत उद्यान' 31 जनवरी से आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। लोग यहां दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक घूमने के लिए आ सकते हैं।
सुविधा के लिए लगाए जाएंगे क्यूआर कोड
यह उद्यान पहले आम जनता के लिए खुला नहीं था। लेकिन, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसे आम जनता के लिए खोल दिया। तब से, उद्यान को हर वसंत में जनता के लिए खोल दिया जाता है। राष्ट्रपति सचिव की उप सूचना अधिकारी नविका गुप्ता ने बताया कि मुगल गार्डन आने वाले लोगों की सुविधा के लिए सभी पेड़ों के पास क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। इसके साथ ही एक और बदलाव किया गया है। इस हिसाब से यहां रोजाना करीब 20 लोग गाइड के तौर पर काम करेंगे। वे यहां आने वाले लोगों को पौधों और फूलों से जुड़ी जानकारी मुहैया कराएंगे।
15 एकड़ में फैले इस उद्यान को ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था। मुगल गार्डन को देश के राष्ट्रपति भवन की आत्मा कहा जाता है। मुगल गार्डन का एक हिस्सा गुलाब की खास किस्मों के लिए जाना जाता है। यहां ट्यूलिप और गुलाब की सैकड़ों किस्में हैं। राष्ट्रपति भवन में स्थित अमृत उद्यान एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। यहां ब्रिटिश और मुगल दोनों प्रकार के उद्यानों की झलक देखी जा सकती है। इसे बनाने के लिए एडविन लुटियंस ने सबसे पहले देश और दुनिया के पार्कों का अध्ययन किया। इस बाग में पौधे लगाने में करीब एक साल का समय लगा था। यहां 138 प्रकार के गुलाब, 10,000 से अधिक ट्यूलिप बल्ब और 70 विभिन्न प्रजातियों के लगभग 5,000 मौसमी फूलों की प्रजातियां हैं।