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नई दिल्ली : यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) प्लेटफॉर्म भारत द्वारा विकसित किया गया है। आज इसके जरिए अरबों डॉलर का लेन-देन होता है। भारत ने UPI को सही तरीके से लागू किया है। इस वजह से UPI अब दुनिया भर के देशों की ईर्ष्या बन गया है। अमेरिका, चीन जैसे देशों के पास भी ऐसा सिस्टम नहीं है, पाकिस्तान भी भारत से UPI सिस्टम खरीदने को बेताब है। अगर हम सपने देखे तो सब कुछ संभव है। भारत पहले से ही रूस के साथ स्थानीय मुद्रा में व्यापार कर रहा है। भारत UPI भुगतान प्रणाली 25 देशों में स्वीकृत है। NPCI गेटवे 50 देशों में स्वीकार किया जाता है। हम नेतृत्व कर सकते हैं अगर हम व्यापार करते हैं।
UPI का पूरा सिस्टम भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा डिज़ाइन किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की देखरेख में लागू किया गया। इस UPI पेमेंट की असली जरूरत कोरोना काल में महसूस हुई। लोगों को पैसे निकालने के लिए बैंक नहीं जाना पड़ता था और न ही उन्हें अग्रिम भुगतान करना पड़ता था। एक बार कोड स्कैन हो जाने के बाद दुकानदार को पैसे भेजे जा सकते थे। यहां तक कि अगर इस शहर से उस शहर में अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए तो भी सेकेंडों में पैसा भेजा जा सकता है। जब प्रतिबंधों की बात आई तो रूस के पास ऐसी प्रणाली का अभाव था।
फिलहाल भारत ही नहीं, बल्कि भूटान, यूएई, श्रीलंका समेत कई देश UPI के जरिए पेमेंट कर रहे हैं। इसके साथ ही कनाडा समेत करीब 12 देशों में यूपीआई पेमेंट की शुरुआत की गई है। इसे बैंकिंग जगत में गेम चेंजर के तौर पर देखा गया। यहां तक कि अमेरिका और चीन के पास भी भारत की UPI आधारित भुगतान तकनीक की तरह सफल UPI प्रणाली नहीं है। यहां तक कि स्वयं अमेरिकी भी US UPI भुगतानों का उपयोग नहीं करते हैं। चीन का यही हाल है। इसलिए भारतीय UPI हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है। पाकिस्तान भी भारत का UPI सिस्टम अपने देश के लिए चाहते है। हालांकि, पाकिस्तान के शासक सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए UPI सिस्टम से दूर रह रहे हैं। दिसंबर के महीने में भारत में रिकॉर्ड UPI भुगतान किए गए। 2.82 लाख करोड़ का ट्रांजैक्शन किया गया। UPI एक फ्री सर्विस है। जिसका उपयोग इंटरनेट के साथ और बिना इंटरनेट के किया जा सकता है। इससे दुनिया में डिजिटल क्रांति आएगी।