National Voters Day: 25 जनवरी को क्यों मनाया जाता है 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस'?

    24-Jan-2023
Total Views |

National Voter's Day
(Image Credit: Internet / Representative)
 
नई दिल्ली:
 
भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत बनाते हैं उसके मतदाता। हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) के रूप में मनाया जाता है। 25 जनवरी 1950 को भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। अधिक युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 25 जनवरी 2011 को पहली बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस आशय के कानून मंत्रालय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। भारत निर्वाचन आयोग इस साल 25 जनवरी को 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है।
 
इस दिन को भारत की जनसंख्या को मतदान (National Voters Day) के लिए प्रोत्साहित करने और इस तरह से वृद्धि करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मतदान हमारे लोकतंत्र का केंद्रीय स्तंभ है। इस दिन, मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में सूचित भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए जागरूक किया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में नए मतदाताओं या पहली बार के मतदाताओं को उनके मतदाता फोटो पहचान पत्र सौंपे जाते हैं। हर साल इस दिन के लिए एक थीम तय की जाती है। वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम 'नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर' रखी गई है। यह थीम मतदाताओं को समर्पित है जो वोट की शक्ति के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी के प्रति व्यक्ति की भावना और आकांक्षा को व्यक्त करता है।
 
राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) के अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू निर्वाचन आयोग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे इस राष्ट्रीय समारोह में मुख्य अतिथि होंगी। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाएंगे। नई दिल्ली में इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति वर्ष 2022 के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करेंगी। राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों को 2022 के दौरान चुनाव के संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रथाओं के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इनमें आईटी पहल, सुरक्षा प्रबंधन, चुनाव प्रबंधन, सुलभ चुनाव, मतदाता सूची और मतदाता जागरूकता तथा आउटरीच में योगदान जैसे क्षेत्र शामिल हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार महत्वपूर्ण हितधारकों जैसे कि सरकारी विभागों और मीडिया संगठनों को मतदाता जागरूकता के लिए उनके बहुमूल्य योगदान के लिए भी दिए जाएंगे।
 
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (National Voters Day) राजीव कुमार द्वारा राष्ट्रपति को ईसीआई प्रकाशन 'इलेक्टिंग द फर्स्ट प्रेसिडेंट- एन इलस्ट्रेटेड क्रॉनिकल ऑफ इंडियाज प्रेसिडेंशियल इलेक्शन' की पहली प्रति भेंट की जाएगी। ये पुस्तक, जो अपनी तरह का पहला प्रकाशन है, ये देश में राष्ट्रपति चुनाव की ऐतिहासिक यात्रा की झलक देती है। ये पिछले 16 राष्ट्रपति चुनावों की टाइमलाइन के माध्यम से राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली और संबद्ध संवैधानिक प्रावधानों की बारीकियों पर प्रकाश डालती है। साथ ही इस दौरान सुभाष घई फाउंडेशन के सहयोग से ईसीआई द्वारा निर्मित एक ईसीआई गीत- "मैं भारत हूं - हम भारत के मतदाता हैं" की भी स्क्रीनिंग की जाएगी। ये गीत वोट की शक्ति को सामने लाता है और दुनिया के सबसे बड़े एवं सबसे जीवंत लोकतंत्र में समावेशी, सुलभ, नैतिक, भागीदारी और उत्सवपूर्ण चुनावों की भावना का जश्न मनाता है।