नई दिल्ली:
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप एस. पुरी ने CII के 11वें जैव-ऊर्जा शिखर सम्मेलन (Bio Energy Summit 2023) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 2013-14 के 1.53 प्रतिशत से बढ़ाकर जुलाई 2022 में 10.17 प्रतिशत कर दिया है। पुरी ने आगे कहा कि पराली (पानीपत) और बांस (नुमालीगढ़) से एथेनॉल बनाने के लिए 2जी रिफाइनरियों की स्थापना, इस दिशा में एक और मील का पत्थर है, जो ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ प्रदूषण को कम करने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करते हैं।
पुरी ने गुरुवार को दिए अपने संबोधन (Bio Energy Summit 2023) में कहा कि हमने 2030 तक 5 मिलियन टन के उत्पादन लक्ष्य के साथ हरित हाइड्रोजन नीति तैयार की है। उन्होंने आगे कहा कि इस साल फरवरी में घोषित भारत की हरित हाइड्रोजन नीति एक क्रांतिकारी बदलाव है, जो भारत को हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाने में मदद करेगा। भारत का लक्ष्य सालाना 4 मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है, जिससे 2030 तक जीवाश्म ईंधन की संचयी आयात बचत 1 लाख करोड़ रुपये हो जायेगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन उत्पादन प्रक्रिया को किफायती बनाने हेतु इलेक्ट्रोलाइजर के घरेलू निर्माण के लिए यूके और जर्मनी जैसे देशों की कंपनियों के साथ कार्य किये जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत 2070 तक नेट कार्बन जीरो का लक्ष्य हासिल करने के लिए ऊर्जा परिवर्तन (Bio Energy Summit 2023) की महत्वाकांक्षी यात्रा शुरू कर रहा है और इस परिवर्तन में स्थिरता होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि निरंतरता बनी रहे। उन्होंने कहा कि हमारी OMC ने अपने संबंधित नेट कार्बन जीरो लक्ष्यों को सामने रखा है - आईओसीएल 2046 तक, बीपीसीएल और एचपीसीएल 2040 तक, जिसका अर्थ यह भी है कि OMC ऊर्जा स्रोत और उपयोग में बदलाव के लिए आगे बढ़ रही हैं।