नवरात्रि के दौरान खाने वाले सात्विक भोजन का शरीर पर पड़ता है सकारात्मक असर

    25-Sep-2022
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Satvik Food Positive Effects
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नागपुर: नवरात्रि का पर्व सोमवार से शुरू हो जाएगा और आने वाले नौ दिनों तक सभी भक्तगण माता रानी की भक्ति में मग्न होंगे। इस दौरान कई लोग नौ दिनों तक व्रत-उपवास रखते हैं और नौ देवियों की आराधना करते हैं। व्रत के दौरान मांस-मछली और अन्य तरह के व्यंजन को नहीं खाया जाता। इस दौरान शुद्ध-शाकाहारी खाना या सात्विक भोजन ही लोग खाना पसंद करते है। हम कई प्रकार के स्वादिष्ट सात्विक भोजन खाते है। जीभ को अच्छा लगने वाला सभी पकवान या भोजन व्यक्ती बड़े ही चाव से खाता है पर शायद ही उसे उसके शरीर पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव के बारे में पता होगा। जैसा कि कहा जाता है, आप जो खाते है वही आपके व्यक्तित्व में भी झलकता है।
 
भारतीय शास्त्रों में भी इसके बारे में कहा गया है की "जैसा अन वैसा मन या तन" यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि जिस तरह का खाना हम खाते है वह हमारे दिमाग और शरीर पर प्रभाव डालता है। जिस तरह का खाना खाया जाए उसी तरह वह न सिर्फ हमारे पेट के पाचन क्रिया पर प्रभाव छोड़ता है पर इसका असर हमारे सोचने, महसूस करने पर भी पड़ता है। नवरात्रि के दौरान उपवास रखने से हमारा शरीर, दिल और दिमाग का संतुलन हमें टेंशन और विषहरण (detoxify) से लड़ने और संतुलन बनाए रखना सिखाता है।
 

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नवरात्रि के समय हमें हमारे खाने पर कुछ निर्धारित रोक लगानी पड़ती है क्योंकि इस त्योहार के समय हमारे सामने खाने के कई विकल्प मौजूद होते है जो हम खा सकते है। आज बड़ी संख्या में लोग उपवास नहीं रखते क्योंकि उन्हें यह पुरानी धार्मिक परंपरा लगती है जिसके प्रति उनके मन में कोई रुचि नहीं होती। हालांकि इन सभी नियमों और उपवास के पीछे कुछ गंभीर और अत्यंत महत्वपूर्ण बातें होती है। वास्तव में अगर देखा जाए तो नवरात्रि के समय सात्विक भोजन खाने से हमारे शरीर का संतुलन कई गुना तक बढ़ जाता है। अगर आप नवरात्रि के दिनों में विभिन्न प्रकार के खाने पर ध्यान दे जो आपको खाने के लिए सलाह दी जाती है जिसमे ग्लूटेन मुक्त अनाज, पौष्टिक आहार जैसे सब्जी और फल खाने को कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, फल और सब्जी हमारे शरीर में मौजूद ग्लूटेन को कुछ दिनों तक रोकता है और हम हमारे शरीर में चमत्कारी बदलाव देख सकते है। ये न सिर्फ हमारे शरीर को विषहरण (detoxify) मुक्त करता है पर हमारे शरीर में सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। साथ ही हमें इस महत्वपूर्ण बात को भी देखना चाहिए कि दोनों नवरात्रि मुख्य मौसम के बदलने के समय ही आते हैं।
 
मौसम में होने वाले बदलाव के दौरान जब हमें सर्दी, खांसी, बुखार का जोर सबसे ज्यादा होता है। मौसम में होने वाले बदलाव जरूर थोड़े समय के लिए हो पर यह शरीर पर काफी बुरा प्रभाव छोड़ जाता है। सबसे अच्छी बात तो यह है की नवरात्रि का आहार यह बनाया ही इसी तरह है कि यह हमारे शरीर और इम्यूनिटी को और भी ज्यादा मजबूत बना सके जो हमें गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
 
सात्विक भोजन में क्या क्या आते हैं?
 
मूल तौर पर सात्विक भोजन शाकाहारी भोजन है, जिसमें पेड़-पौधों से मिलने वाले भोजन को ग्रहण किया जाता है। गाय का दूध और घी इस आहार का महत्वपूर्ण भाग है। सात्विक भोजन मिर्च मसालों और तेल से लगभग रहित होता है। सात्विक भोजन जैसे हरी सब्जियां एवं फल आपको तनाव मुक्त रहने में मदद कर सकते हैं। सात्विक भोजन सदा ही ताजा पका हुआ, सादा, रसीला, शीघ्र पचने वाला, पोषक, मीठा एवं स्वादिष्ट होता है।
 
सात्विक आहार के कुछ अन्य लाभ इस प्रकार है : 
  • शरीर को विषहरण (detoxify) करता है।
  • तनाव को कम करता है।
  • पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
  • मूड को अच्छा रखता है और मेटाबोलिज्म में सुधार करता है।