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नागपुर: भारत में भव्य-दिव्य त्योहारों की शुरुआत होने वाली है और इसकी शुरुआत नवरात्रि से हो जाएगी। नवरात्रि जो 26 सितंबर यानि कल से शुरू होगी और 5 अक्टूबर, 2022 को इसकी समाप्ति होगी। इन नौ दिनों में दुर्गा देवी के 'नौ रूपों' की पूजा अर्चना की जाती है। 'नवरात्रि' यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ 'नौ रात' होता है। नवरात्रि यानि नौ रातों तक मनाए जाने वाली रात। साल में पूरे चार बार नवरात्रि मनाई जाती है। नवरात्री को दो बार बड़े स्तर पर बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। चैत्र नवरात्री यह वसंत ऋतु और शरद नवरात्री जो (अगस्त से अक्टूबर) के बीच आती है जिसे पुरे 9 दिन मनाया जाता है। शरद या शारदीय नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि की तरह एक ही तरह के रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।
समय: प्रतिपदा तिथि प्रारंभ : 26 सितंबर को प्रातः 03:23 बजे से प्रतिपदा तिथि समाप्त : 27 सितंबर को प्रातः 03:08 तक
शरद नवरात्रि को दुर्गा देवी की समृद्धि और सफलता प्राप्ति के लिए हर दिन पूजा की जाती है। कुछ लोग देवी के मूर्ति को कलश में रखकर दूध से बने खाद्य, फलों और सूखे मेवों से देवी को भोग लगाते है। नवरात्रि के दसवें दिन, विजयादशमी को देवी के मूर्ति को पानी में डुबोकर विसर्जित किया जाता है। पारंपरिक रीति रिवाज और मान्यताओं के अनुसार इन नौ दिनों के दौरान मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। हल्का और सात्विक खाने को इन नौ दिनों के दौरान अपनी दिनचर्या में खाना चाहिए। कुछ श्रद्धालु नौ दिन का उपवास रखते है। अगर आप उपवास संबंधित किसी प्रकार की शंका या दुविधा में है तो यहां कुछ महत्वपूर्ण चीजों की सूची आपके लिए बनाई गई है।
नवरात्री उपवास से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें और व्यंजन
1) आटा, दाल और अंकुरित खाद्य सामग्री
नियमित तौर पर उपयोग में आने वाला आटा जैसे कुट्टु का आटा, सिंघाड़े का आटा, राजगिरा का आटा। नियमित चावल के बदले समक का चावल उपयोग में लाया जा सकता है। इसके साथ ही साबूदाना और मखाने उपवास के समय खाने के उपयोग में लाया जा सकता है।
2) सेंधा नमक का उपयोग
नियमित उपयोग मे लाये जाने वाले नमक को ज्यादा प्रोसेस किया जाता है ताकि वो पूरी तरह बारीक़ हो। सेंधा नमक इसे कम प्रोसेस किया जाता है और इसे सोडियम क्लोराइड की मात्रा अधिक होती है। इस नमक का सबसे ज्यादा उपवास के व्यंजनों में किया जाता है।
3) विशिष्ट तेल का उपयोग करें
बीज के द्वारा बना तेल और रिफाइंड तेल के उपयोग को टाले। नवरात्रि में खाना बनाने के लिए रिफाइंड तेल की जगह घी या मूंगफली के तेल का इस्तेमाल करें। लौंग, हल्दी आदि मसालों के साथ न पकाएं। नौ दिनों के नवरात्रि उत्सव के लिए अपने बालों को न काटें और न ही मुंडवाएं। नवरात्रि के दौरान अपने घर को साफ सुथरा रखें और वसंत ऋतु में सफाई करें।
4) दूध से बने वस्तुओं का उपयोग
नवरात्रि के समय दूध, दही, पनीर और दूसरे दूध से बने व्यंजनों का उपयोग किया जा सकता है।
5) अन्य दूसरे खाद्य वस्तुओं का सेवन
आटे, दाल और गेहूं से बनी चीजें और प्याज, लहसुन के उपयोग को टाले।
नवरात्रि कैलेंडर :
- पहला दिन (26 सितंबर, 2022, सोमवार): नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
- दूसरा दिन (27 सितंबर, 2022, मंगलवार): नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जाती है।
- तीसरा दिन (28 सितंबर, 2022, बुधवार): नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।
- चौथा दिन (29 सितंबर, 2022, गुरुवार): नवरात्रि के चौथे दिन देवी कुष्मांडा की पूजा की जाती है।
- पांचवा दिन (30 सितंबर, 2022, शुक्रवार): नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
- छठा दिन (1 अक्टूबर, 2022, शनिवार): नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है।
- सातवां दिन (2 अक्टूबर 2022, रविवार): नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है।
- आठवां दिन (3 अक्टूबर, 2022, सोमवार): नवरात्रि के आठवें दिन, देवी महागौरी की पूजा की जाती है क्योंकि दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है।
- नौवां दिन(4 अक्टूबर, 2022, मंगलवार): नवरात्रि के नौवें दिन लंबा व्रत तोड़ा जाता है और देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन को महानवमी 2022 के रूप में मनाया जाता है।
- दसवां दिन (5 अक्टूबर, 2022, बुधवार): दसवें दिन, देवी दुर्गा की सभी मूर्तियों को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है और इस दिन को दशहरा 2022 के रूप में चिह्नित किया जाता है।
नवरात्रि के नौ दिन के कलर
- पहला दिन - सितंबर 26 - सफेद
- दूसरा दिन - सितंबर 27 - लाल
- तीसरा दिन - सितंबर 28 - रॉयल ब्लू
- चौथा दिन - सितंबर 29 - पीला
- पांचवा दिन - सितंबर 30 - हरा
- छठा दिन - 1 अक्टूबर - ग्रे
- सातवां दिन - 2 अक्टूबर - संतरा
- आठवां दिन - 3 अक्टूबर - मयूर हरा
- नौवां दिन - 4 अक्टूबर - गुलाबी