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नागपुर: समाज द्वारा लगातार अपमानित, तिरस्कृत और बदनाम होने वाले तृतीयपंथी (Transgender) लोग सम्मान के साथ रह सके, इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने एक पहल की है। उप-राजधानी नागपुर में तृतीयपंथी स्वतंत्र आवास परियोजना स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो यह तृतीयपंथी की पहली स्वतंत्र आवास परियोजना होगी। इस योजना से तृतीयपंथी में उत्साह का माहौल है।
राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने की देरी
समाज कल्याण आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नागपुर सुधार प्रन्यास के पास फिलहाल 450 वर्ग फुट के 150 घर उपलब्ध हैं। सभी घर अलग-अलग बिल्डिंग में हैं। इन घरों को बेचने के लिए नागपुर सुधार प्रन्यास ने समाज कल्याण विभाग को प्रस्ताव सौंपा है। राज्य सरकार की ओर से हरी झंडी मिलते ही इस योजना को लागू कर दिया जाएगा। योजना के तहत तृतीय पंथी के पहचान पत्र और सरकारी प्रमाण पत्र वाले तृतीय पंथी को रियायती दर पर घर आवंटित किए जाएंगे। प्रत्येक तृतीय पंथी को एक घर आवंटित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें घर की कीमत का 10 प्रतिशत देना होगा। शेष राशि का भुगतान प्रधानमंत्री आवास योजना और राज्य सरकार के कोष से किया जाएगा। तृतीय पंथी को भी 10 प्रतिशत की राशि पर बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
समाज कल्याण ने लिया तृतीय पंथी का संज्ञान
समाज कल्याण विभाग की ओर से तृतीय पंथी की समस्याओं का संज्ञान लिया गया। इस बीच, तृतीय पंथी ने घर को लेकर चिंता जताई थी। समाज तृतीय पंथी के साथ सम्मान के साथ व्यवहार नहीं करता है। इसलिए, भले ही तृतीय पंथी के पास पैसा हो, वे अच्छे आवासीय क्षेत्रों में घर नहीं खरीद सकते हैं और उन्हें कोई भी मकान किराए पर नहीं देता है। इतने लोगों को अनिश्चित काल तक झुग्गियों में रहना पड़ता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए समाज कल्याण विभाग ने तृतीय पंथी के लिए एक अलग आवास योजना स्थापित करने का निर्णय लिया। इस योजना से तृतीय पंथी के आवास की समस्या का समाधान होगा। वे घर के मालिक होंगे। वे एक सम्मानजनक जीवन जीने में सक्षम होंगे।