विश्व संस्कृत दिवस पर जानें इस दिन से जुड़ा इतिहास और महत्व

    12-Aug-2022
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नागपुर:
 
भारत मे हर साल श्रावण पूर्णिमा को विश्व संस्कृत दिवस या संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह 12 अगस्त को यानी आज मनाया जा रहा है। संस्कृत को सभी भारतीय भाषाओं की जननी भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। दुनिया में पहली बोली जाने वाली भाषाओं में से एक, संस्कृत का भारत के प्राचीन इतिहास में बहुत महत्व है। इसे 'देवताओं की भाषा' भी कहा जाता है। भारत के गौरवशाली अतीत में इसके स्थान को जीवंत रखने के उद्देश्य से विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है। इस भाषा के पुनरुत्थान और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, सेमिनार आदि के माध्यम से दुनियाभर में विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है।
 
संस्कृत दिवस का उद्देश्य इसके पुनरुद्धार को बढ़ावा देना है। भाषा को बढ़ावा देने और उसकी सराहना करने के लिए संस्कृत के महत्व के बारे में बात करने के लिए आमतौर पर पूरे दिन के सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।
 

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कैसे हुई संस्कृत दिवस मनाने की शुरुआत?
 
ऐसा कहा जाता है कि संस्कृत भाषा की उत्पत्ति लगभग 3,500 साल पहले भारत में हुई थी। विश्व संस्कृत दिवस या संस्कृत दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था। इस दिन का उद्देश्य संस्कृत के पुनरुद्धार के बारे में जागरूकता फैलाना और इसे बढ़ावा देना है। यह भारतीय इतिहास और संस्कृति में संस्कृत के स्थान को स्वीकार करता है।
 
साहित्यिक दृष्टि से संस्कृत दो अलग-अलग अवधियों में विभाजित है- वैदिक और शास्त्रीय। वैदिक संस्कृत मुख्य रूप से ऋग्वेद, उपनिषद और पुराणों का एक हिस्सा है। वेदों की रचना 1,000 से 500 ईसा पूर्व के बीच हुई थी। सदियों बाद, कुछ यूरोपीय संस्कृत से प्रभावित हुए। उनमें से एक अंग्रेज विद्वान सर विलियम जोन्स थे, जो 1783 में कलकत्ता में ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में भारत आए थे। बाद में उन्होंने एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना की।
 
महत्व
 
हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों और प्रथाओं में संस्कृत अभी भी एक बहुत ही प्रमुख स्थान रखती है। अधिकांश हिंदू अनुष्ठान संस्कृत में ही किए जाते हैं। कई संस्कृत संस्थान और विश्वविद्यालय खोले गए हैं और परिणामस्वरूप आज कई युवा छात्र संस्कृत सीख रहे हैं। यहां तक की नासा के वैज्ञानिक रिक ब्रिग्स ने एक बार कहा था कि संस्कृत सबसे अधिक कंप्यूटर के अनुकूल भाषा है। यहीं नहीं कुछ रिपोर्ट्स का मानना है कि नासा ने इसे सबसे व्वैज्ञानिक भाषा बताया है।