NGO MEET 2022: अभिजीत भारत ने अनोखे तरीके से मनाया 'वर्ल्ड एनजीओ डे'

    09-Jun-2022
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नागपुर:
 
NGO MEET 2022: आज विश्व में 1 करोड़ से अधिक एनजीओ सक्रीय हैं। एनजीओ का अर्थ होता है गैर सरकारी संगठन। इनका मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करना, गरीब-बेसहाराओं के दुख-दर्द को समझकर उनका सहारा बनना और एक प्रगतिशील समाज का निर्माण करना है। समाज के प्रति उनकी इसी समर्पण की भावना को अभिजीत भारत सलाम करता...

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दुनियाभर में 27 फ़रवरी को विश्व एनजीओ दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन सभी एनजीओ को समर्पित है जो समाज और मानवता के कल्याण तथा विकास के लिए अपना अहम योगदान दे रहे हैं। साल 2014 में इस दिन को मानाने की शुरुआत हुई थी। इस दिन को दुनिया के 89 से अधिक देश और 6 महाद्वीप मनाते हैं। और आज विश्व में 1 करोड़ से अधिक एनजीओ सक्रीय हैं। एनजीओ का अर्थ होता है गैर सरकारी संगठन। इनका मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करना, गरीब-बेसहाराओं के दुख-दर्द को समझकर उनका सहारा बनना और एक प्रगतिशील समाज का निर्माण करना है। समाज के प्रति उनकी इसी समर्पण की भावना को अभिजीत भारत सलाम करता है।
इस अवसर पर अभिजीत भारत की अनोखी पहल एनजीओ मीट 2022 (NGO MEET 2022) में नागपुर के तीन जाने-माने NGOs के संस्थापक व सदस्य शामिल हुए। इस दौरान अग्निपंख फाउंडेशन से यश और पल्लवी, सेवा फाउंडेशन से पुरुषोत्तम सर और #saveajnivann वारियर कुणाल सर के साथ नागपुर की मौजूदा परिस्थिति, समस्याओं और उनसे जुड़े समाधानों पर विचार-विमर्श किया गया।
'पर्यावरण का संरक्षण ही उसकी असली सुरक्षा'- कुणाल मौर्य
कई गैर सरकारी संगठनों (NGO) से जुड़े कुणाल मौर्या लंबे समय से समाज के हित के लिए काम कर रहे हैं। पर्यावरण के प्रति इनका ख़ास लगाव है। बीते दो सालों से कुणाल नागपुर के अजनी वन स्थित 40 हजार से अधिक पेड़ों को बचने के प्रयास में जुटे हैं। कुणाल कहते हैं कि हम शहर की प्रगति (Infrastructural Development) के खिलाफ नहीं है लेकिन पर्यावरण का संरक्षण भी उतना ही जरूरी है। पर्यावरण की सुरक्षा के बिना प्रगतिशील समाज का विकास संभव नहीं है। कोरोना महामारी के दौरान कुणाल ने 'टुगेदर वी कैन' फाउंडेशन और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर कई जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाई।
अग्निपंख- 'एक प्लेटफार्म जो युवा सपनों की उड़ान और जरूरतमंद की आवाज है'
साल 2018 में लोगों की आवाज बनने, एजुकेशन सेक्टर, ट्रेनिंग और युवा एंटरप्रेन्योर्स को एक प्लेटफार्म देने के उद्देश्य के साथ नागपुर और सांगली में अग्निपंख फाउंडेशन की शुरुआत हुई थी। अग्निपंख के संस्थापक यश ने बताया कि इस फाउंडेशन के माधयम से उनकी टीम लोगों के नजरिये को एक प्लेटफार्म, जरूरतमंदों को शिक्षा और सही ट्रेनिंग देने का काम कर रहे हैं। अग्निपंख लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर है। इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान अग्निपंख ने टेक्नोलॉजी की मदद से एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जो लोगों तक मेडिकल सुविधाएं बेड की उपलब्धता, दवाइयां और खाना पहुंचाने में मददगार साबित हुआ। जिससे करीब एक हजार लोगों की जान बच सकी और हजारों लोगो तक सही समय पर मदद पहुंची।
स्वास्थ्य से जुड़ी हर सुविधा बेसहारा और जरूरतमंदों तक पहुंचाता है सेवा फाउंडेशन
सेवा फाउंडेशन की स्थापना चार साल पहले इलाज के लिए नागपुर में आने वाले हर बेसहारा व्यक्ति तक मदद पहुंचाने के उद्देश्य से हुई थी। आज यह फाउंडेशन सरकारी अस्पताल में आने वाले गरीब और बेसहारा मरीजों के परिजनों को भोजन मुहैया कराने में सक्षम है। इसके तहत सेवा फाउंडेशन हर दिन 300 से अधिक लोगों को भोजन प्रदान करता है। इसमें रोटी बैंक, नारायण कुटुम्ब और अन्य संतान उनकी सहायता कर रहे हैं। संस्थापक पुरुषोत्तम सर ने बताया कि सेवा फाउंडेशन न सिर्फ आईजीएमसी, जीएमसी में आने वाले जरूरतमंदों को मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराता है बल्कि रक्तदान शिविर भी आयोजित करता है। जिससे सही समय पर लोगों तक रक्त पहुंच पाए।