नई दिल्ली: हाल ही में रिलीज सिद्धू मूसेवाला का SYL गाना अंतरराष्ट्रीय चार्ट पर रिकॉर्ड तोड़ रहा था लेकिन अब, यह गाना भारत में उपलब्ध नहीं होगा। दरअसल, सरकार द्वारा कानूनी शिकायत के कारण सिद्धू मूसेवाला के SYL गाने को भारत में Youtube से हटा दिया गया है।
Image Source: Internet
Youtube पर गाना शुरू करने पर यूजर को यह गाना नहीं दिखेगा। यह गाना 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद रिलीज होने वाला पहला गाना था। इस गाने को टीम द्वारा 23 जून को Youtube और अन्य प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया था।
यह है गाना हटाने की वजह...
इस गाने में सतलुज-यमुना-लिंक नहर परियोजना के बारे में बात की गई है। यह देखते ही देखते पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने इस विषय पर अपनी राय और विचार प्रस्तुत करना शुरू कर दिया। गीत को इसके विषय के लिए आलोचना भी मिली थी। हरियाणा के कई कलाकारों ने गाने की आलोचना की और कुछ ने गाने के जवाब में गाने भी जारी किए। फिलहाल यह गाना भारत में Youtube पर उपलब्ध नहीं है। लेकिन, यह अभी भी कुछ स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। फ़िलहाल उन प्लेटफॉर्म पर भी भविष्य में यह गाना रहेगा बताया नहीं जा सकता।
Image Source : Youtube
क्या है सतलुज-यमुना लिंक नहर परियोजना?
सतलुज यमुना लिंक नहर अथवा एस.वाई.एल. भारत में सतलुज और यमुना नदियों को जोड़ने के लिए एक प्रस्तावित 214 किलोमीटर (133 मील) लंबी नहर परियोजना है। हालांकि, इस प्रस्ताव में कई बाधाएं हैं, और वर्तमान में भारतीय सुप्रीम कोर्ट में यह परियोजना लंबित है। एस.वाई.एल. पंजाब और हरियाणा राज्यों के बीच नदी जल बंटवारे को संदर्भित करता है।
1966 से जारी है विवाद
इस विवाद की शुरुआत 31 अक्टूबर 1966 को हुई थी जब पंजाब राज्य को पुनर्गठित किया गया और हरियाणा राज्य बना था। विवाद की प्रमुख जड़ नदी जल का बंटवारा है। 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और फैसला किया था कि दोनों राज्य अर्थात प्रत्येक 3.5 मिलियन एकड़ फुट प्राप्त करेंगे। जनवरी 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने परियोजना की खुदाई जारी रखने के लिए पंजाब सरकार को निर्देश दिया। 2003 में पंजाब ने इस दायित्व से मुक्त होने की सोचीI 2004 में पंजाब राज्य विधानमंडल ने भूमि को डिनोटिफाई करने के लिए "पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट-2004" पारित किया। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक प्रेसिडेंशियल रिफरेन्स दी गई और मार्च 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई आरंभ किया। 2016 में पंजाब विधानसभा में पुनः एक विधेयक पास कर किसानों को अधिग्रहीत भूमि वापस करने की बात की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने विधेयक पर यथास्थिति का आदेश दिया है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर हरियाणा को सर्वाधिक लाभ होगा।
परियोजना की स्थिति
नहर का कार्य 85% तक पूरा हो गया है, और हरियाणा सरकार ने नहर के अपने हिस्से के कार्य को लगभग पूरा कर लिया है।