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नागपुर।
महाराष्ट्र सरकार ने विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए ‘विद्यार्थी विज्ञान वारी’ योजना' की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत योग्य विद्यार्थियों को अमेरिका स्थित नासा (NASA) की यात्रा का अवसर दिया जाएगा। जून 2025 में घोषित इस योजना का उद्देश्य उन विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देना है जो विज्ञान प्रकल्प प्रतियोगिता में टॉप स्थान न पाने के बावजूद अपनी मौलिक और नवाचारी सोच से अलग पहचान बनाते हैं। राज्य के स्कूली शिक्षण राज्यमंत्री पंकज भोयर ने बताया कि इन विद्यार्थियों की मेहनत और रचनात्मकता को मान्यता देने के लिए यह पहल की गई है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय दौरे पर लगभग 3 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसे लागू करने के लिए राज्य स्तरीय मंजूरी आवश्यक है।
योजना का ढांचा
योजना के अनुसार, तहसील स्तर पर चुने गए शीर्ष 21 प्रकल्पों को नजदीकी विज्ञान केंद्रों की शैक्षणिक यात्रा कराई जाएगी। जिला स्तर पर 51 चयनित प्रकल्पों के विद्यार्थियों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), बेंगलुरु की सैर कराई जाएगी। वहीं राज्य स्तर के 51 उत्कृष्ट प्रकल्पों के विद्यार्थियों को अमेरिका स्थित नासा ले जाया जाएगा। तहसील और जिला स्तर की यात्राओं का खर्च जिला नियोजन व विकास परिषद (DPDC) वहन करेगी, जबकि नासा दौरे के लिए राज्य की आर्थिक मंजूरी का इंतजार है।
भविष्य के वैज्ञानिकों को प्रेरणा
राज्यमंत्री भोयर ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रतियोगिताओं से आगे जाकर विज्ञान में गहरी खोज की ओर प्रेरित करना है। वे चाहते हैं कि बच्चे केवल एक प्रकल्प तक सीमित न रहकर बड़े विचारों और अनुसंधान की दिशा में आगे बढ़ें। इस वर्ष सरकार ने विज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं की पुरस्कार राशि भी 5,000 रुपये से बढ़ाकर 51,000 रुपये कर दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने योजना को सिद्धांत रूप से मंजूरी दे दी है। यदि निधि जारी होती है, तो यह योजना अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श बन सकती है।
मराठवाड्यातील बीड, लातूर, धाराशिव, जालना, संभाजीनगर, नांदेड आणि परभणीसह अनेक जिल्ह्यांमध्ये शेतकऱ्यांचे पीक पाण्यात गेले आहे. उद्धव ठाकरे यांनी सांगितले की, “शेतकरी इतक्या वर्षांपासून ढगफुटी किंवा अतिवृष्टी पाहिला नव्हता. आता लाखो हेक्टर जमीन नष्ट झाली आहे आणि खरीप पीक पाण्यात गेले आहे.”
जमीन वाहून गेल्यामुळे रब्बी पिकं देखील धोक्यात आली आहेत. गुरे, ढोरे, रस्ते वाहून गेले असून शेतीला मोठा फटका बसला आहे. ठाकरे यांनी केंद्राकडे देखील तातडीने 10,000 कोटींची मदत जाहीर करण्याची मागणी केली आहे.
त्यांनी सरकारवर टीका करत सांगितले की, महाविकास आघाडी सरकार सत्तेवर आल्यापासून शेतकऱ्यांना येणाऱ्या नैसर्गिक आपत्तीवर मंत्रालयात बसून ऑनलाईन सल्ले देणे हीच त्यांची पद्धत झाली आहे. “शेती AI च्या मदतीने करा” असे सल्ले देणे पुरेसे नाही, प्रत्यक्ष मदत त्वरित हवी, असे ठाकरे म्हणाले.