- पांच घंटे की जद्दोजहद के बाद बुझी जिंदगी
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मुंबई।
वसई क्षेत्र में गुरुवार (18 सितंबर) को हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। दो वर्षीय मासूम रियान शेख की जिंदगी प्रशासनिक लापरवाही (Administrative negligence) और भारी ट्रैफिक जाम की भेंट चढ़ गई। पेल्हार क्षेत्र का निवासी रियान चौथी मंजिल से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसके पेट में गहरी चोटें आईं और तुरंत ही उसे गैलेक्सी अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे बड़े अस्पताल में शिफ्ट करने की सलाह दी।
हाईवे पर पांच घंटे तक फंसी एंबुलेंस
रियान को बचाने के लिए दोपहर करीब 2.30 बजे एंबुलेंस मुंबई के लिए रवाना हुई। लेकिन दुर्भाग्य से मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुबह से ही भीषण जाम लगा था। एंबुलेंस लगातार पांच घंटे तक जाम में फंसी रही और धीरे-धीरे रियान की हालत बिगड़ती चली गई। आखिरकार परिवारजन उसे पास के ससुनवघर गांव के छोटे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मासूम की मौत ने पूरे वसई इलाके में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। लोगों ने ट्रैफिक प्लानिंग की खामियों और आपातकालीन सेवाओं में एंबुलेंस को प्राथमिकता न देने पर कड़ा रोष व्यक्त किया। नागरिकों का कहना है कि इस हाईवे पर लंबे समय से 20-25 किलोमीटर तक वाहन कतार में खड़े रहते हैं, लेकिन अब तक प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
विधायक ने जताई नाराजगी
स्थानीय विधायक स्नेहा दुबे ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि सड़क की खराब स्थिति और भारी ट्रैफिक इस हादसे की वजह बने। उन्होंने बताया कि हाल ही में ठाणे पुलिस आयुक्त ने नोटिफिकेशन जारी कर सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक भारी वाहनों के ठाणे शहर में प्रवेश पर रोक लगाई थी। इस फैसले से अन्य मार्गों पर तीन से चार घंटे का जाम अब और बढ़कर कई-कई घंटों तक खिंच गया है। विधायक ने कहा कि पूरा पुलिस तंत्र जाम को कम करने में जुटा है, लेकिन हालात नियंत्रण में नहीं आ रहे। उन्होंने इस नोटिफिकेशन को वापस लेने और स्थायी समाधान खोजने की मांग की है।