- 150 लोगों को किया गया सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
- रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी
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एबी न्यूज़ नेटवर्क।
उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले के धाराली क्षेत्र में बादल फटने की घटना के बाद राहत और बचाव कार्य जोरों पर है। आईटीबीपी (ITBP), एसडीआरएफ (SDRF), एनडीआरएफ (NDRF) और बीआरओ (BRO) की टीमें मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। अब तक 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहेदी ने बताया कि "तीनों एजेंसियों की टीमें मौके पर बचाव कार्य कर रही हैं। हमारी तीन अन्य टीमें भी रवाना हो चुकी हैं जो सड़क खुलते ही वहां पहुंच जाएंगी। पंतनगर, गौचर और जोशीमठ में अतिरिक्त टीमें स्टैंडबाय पर हैं और मौसम सामान्य होते ही उन्हें भेजा जाएगा।"
मुख्यमंत्री ने की आपात बैठक और हवाई सर्वेक्षण
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (EOC) में आपदा प्रबंधन की बैठक की और धाराली क्षेत्र में बादल फटने व फ्लैश फ्लड की स्थिति का आकलन किया। मुख्यमंत्री धामी ने जोशियाड़ा हेलीपैड का दौरा किया और प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जा रही है और सभी एजेंसियां मिलकर समन्वय के साथ राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ली स्थिति की जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर धाराली क्षेत्र में आई इस प्राकृतिक आपदा की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की स्थिति की समीक्षा करते हुए हरसंभव केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने उन्हें अवगत कराया कि राज्य सरकार पूरी तत्परता के साथ प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाने में लगी हुई है। लगातार भारी बारिश के चलते कुछ क्षेत्रों में दिक्कतें आई हैं, लेकिन सभी एजेंसियां मिलकर राहत कार्य में जुटी हुई हैं।
सैनिकों और स्थानीय लोगों का संयुक्त प्रयास
इस आपदा में सेना के जवान, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और बीआरओ की टीमें स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में दिन-रात जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री द्वारा किए गए हवाई सर्वेक्षण में यह देखा गया कि नुकसान व्यापक स्तर पर हुआ है, लेकिन सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति तक शीघ्र राहत पहुंचे। प्रशासन के मुताबिक मौसम में सुधार होने पर राहत कार्यों में और तेजी लाई जाएगी।